MP Vidha Sabha Chunav 2023 Politics of Vindhya: विंध्य राज्य का पांचवां सबसे बड़ा क्षेत्र है.राज्य की 31 विधानसभा सीटें और 4 लोकसभा सीटें इस क्षेत्र में आती हैं.बता दें कि मध्य प्रदेश बनने के बाद से ये जोन राजनीति का केंद्र रहा है.पिछले कुछ विधानसभा चुनावों की बात करें तो इसमें बीजेपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. इसलिए विंध्य बीजेपी का मजबूत किला है. यहां तक कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद भी पार्टी यहां ज्यादा सीटें नहीं जीत सकी थी.इसलिए कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में विंध्य में जीत के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. हालांकि ये कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं होगा तो चलिए आपको पिछले 4 चुनावी आंकड़ों से समझाते हैं कि विंध्य में फतह हासिल करने के लिए कांग्रेस को एड़ी-चोटी का जोर लगाने की जरूरत है.


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विंध्य की राजनीति
गौरतलब है कि विंध्य क्षेत्र में भी जातिगत समीकरण हावी है.इस अंचल में ब्राह्मण, ठाकुर और पिछड़ा वर्ग से कुर्मी भी दबदबा रहा है. कभी कांग्रेस का मजबूत किला रहा विंध्य कई विधानसभा चुनावों से बीजेपी का अभेद्य किला बन गया है. बीजेपी यहां बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है. 2003, 2008, 2013 और 2018 के चुनावों में बीजेपी को यहां कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिली थीं.2018 में भी जब कांग्रेस पार्टी कई सालों के बाद राज्य में सत्ता में लौटी तो उसे विंध्य में केवल 6 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. साथ ही साथ इस क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी का भी अच्छा खासा दबदबा है और कई बार बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस का खेल बिगड़ने का काम किया है. वहीं पिछले कुछ विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को भी कुछ सीटों पर जीत मिली थी.


2018 विधानसभा चुनाव
2018 के विधानसभा की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं.क्षेत्र से चुनाव जीतकर कांग्रेस के 6 विधायक विधानसभा पहुंचे. हालांकि बाद में बिसाहूलाल सिंह बीजेपी में शामिल हो गए.2018 के चुनाव में बसपा 2 सीटों पर नंबर 2 की पोजीशन पर थी. वहीं 1-1 सीटों पर  समाजवादी पार्टी और गोडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर आए थे. यानी बीजेपी और कांग्रेस के अलावा दूसरे दलों को भी लोग यहां वोट देते हैं.


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कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी

नीलांशु चतुर्वेदी (चित्रकूट ) 

डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा (सतना) 

कमलेश्वर पटेल (सिहावल)

सुनील सराफ (कोतमा )

बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर) बाद में बीजेपी में आ गए

फुंदेलाल सिंह मार्को (पुष्पराजगढ़) 

 

इन पर कांग्रेस पहली और दूसरी पोजीशन पर नहीं थी

रामपुर-बघेलान (बसपा)

देवतालाब (बसपा)

गुढ़ (सपा)

ब्योहारी (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी)

 

2013 का विधानसभा चुनाव

2013 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला था. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को विन्ध्य में 30 में से 12 सीटों पर जीत मिली थी. साथ ही साथ बीएसपी के दो विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. खास बात यह रही कि बीएसपी के 5 कैंडिडेट नंबर 2 पर भी रहे थे.

 

Congress 12

 

प्रेम सिंह (चित्रकूट) 

यादवेंद्र सिंह (नागौद) 

नारायण प्रसाद (मैहर) 

राजेंद्र कुमार सिंह (अमरपाटन) 

सुखेंद्र सिंह (मऊगंज) 

सुंदर लाल तिवारी (गुढ़) 

अजय सिंह (चुरहट) 

कमलेश्वर पटेल (सिहावल) 

सरस्वती सिंह (चित्रांगी )

रामपाल सिंह (ब्योहरी) 

मनोज कुमार अग्रवाल (कोतमा) 

फुंदेलाल सिंह मार्को (पुष्पराजगढ़)

 

बसपा

उषा चौधरी (रायगांव)

शीला त्यागी (मंगवां)

 

इन सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर थी

छंगेलाल कोल (अमरपाटन)

राम लखन सिंह (रामपुर बघेलान)

पंकज सिंह (सेमरिया)

विद्या वती पटेल (देवतलाब)

कृष्ण कुमार गुप्ता (के.के.) (रीवा)

 

2008 विधानसभा चुनाव

2008 के विधानसभा चुनाव में विंध्य में भाजपा को बंपर जीत मिली थी. भारतीय जनता पार्टी को 24 सीटों पर विजय हुई थी. बता दें कि 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विंध्य में बहुत ही करारी हार हुई थी,पार्टी को मात्र 2 सीटें मिली थीं. यहां तक कि कांग्रेस से ज्यादा तो चुनाव में बीएसपी को सीटें मिल गई थीं. बीएसपी के 3 प्रत्याशियों को जीत नसीब हुई थी.

 

कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी

बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर)

अजय अर्जुन सिंह (चुरहट)

 

अन्य

राम लखन सिंह, बहुजन समाज पार्टी (रामपुर-बघेलान)

राजकुमार उर्मलिया, बहुजन समाज पार्टी (सिरमौर)

राम गरीब कोल, बहुजन समाज पार्टी (त्योंथर)

लक्ष्मण तिवारी, भारतीय जनशक्ति पार्टी (मऊगंज) 

 

2003 विधानसभा चुनाव

2003 के विधानसभा चुनाव में 10 साल कि दिग्विजय सरकार सत्ता में वापसी नहीं कर पाई थी और बीजेपी को बहुमत मिला था. बता दें कि विंध्य में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था और यहां पर पार्टी ने 28 में से 18 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं कांग्रेस की बात करें तो पार्टी को सिर्फ 4 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा था. साथ ही साथ समाजवादी पार्टी ने भी इस चुनाव में अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया था. पार्टी के 3 प्रत्याशी भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

 

कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार (4)

प्रेम सिंह (चित्रकूट)

राजेंद्र कुमार सिंह (अमरपाटन)

अजय अर्जुन सिंह (चुराहाट)

इंद्रजीत कुमार (सीधी)

 

अन्य (6)

कृष्ण कुमार सिंह, समाजवादी पार्टी (गोपड़बनास)

बंशमणि प्रसाद वर्मा, समाजवादी पार्टी (सिंगरौली)

नारायण त्रिपाठी, समाजवादी पार्टी (मैहर)

हर्ष सिंह, राष्ट्रीय सामंत दल (रामपुर बघेलान)

डॉ. आई.एम.पी. वर्मा, बहुजन समाज पार्टी (मऊगंज)

राम लखन शर्मा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सिरमौर)