IIT-GATE पहली बार कब हुआ थी? आवेदन फीस जानकर नहीं होगा यकीन, होते थे केवल 2 स्ट्रीम
Advertisement
trendingNow12456972

IIT-GATE पहली बार कब हुआ थी? आवेदन फीस जानकर नहीं होगा यकीन, होते थे केवल 2 स्ट्रीम

GATE History: अपने पहले बैच में GATE का रिजल्ट हर सब्जेक्ट के भीतर प्रतिशत, फ्रैक्टाइल क्लासिफिकेशन के आधार पर घोषित किया गया था, न कि फुल मार्क्स के आधार पर.

IIT-GATE पहली बार कब हुआ थी? आवेदन फीस जानकर नहीं होगा यकीन, होते थे केवल 2 स्ट्रीम

First IIT GATE Exam: इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट) पहली बार 26 फरवरी, 1983 को आयोजित की गई थी. यह प्रवेश परीक्षा पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, बम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर और मद्रास, तथा भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर में तीन सेमेस्टर के लिए सभी पोस्टग्रेजुएट (पीजी) इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों का चयन करने हेतु आयोजित की गई थी.

गेट (GATE) अब आईआईटी, आईआईएससी में मास्टर और डॉक्टरेट प्रोग्राम में एडमिशन के लिए तथा कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा के रूप में आयोजित की जाती है.

1983 में GATE का परीक्षा पैटर्न क्या था?
केवल GATE परीक्षा पास करने के बाद प्रवेश पाने वाले ही 18 महीने की स्कॉलरशिप के हकदार थे. इन 41 सालों में पात्रता मानदंड लगभग एक जैसे ही रहे. जिन छात्रों के पास इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री थी या जो वर्तमान में ऐसे कोर्सेज के फाइनल ईयर में थे, वे GATE की इंजीनियरिंग स्ट्रीम के लिए उपस्थित हो सकते थे. हालांकि, एसोसिएट मेंबर्स ऑफ़ द इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स (AMIE) या रोजगार के उद्देश्य से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा मान्यता प्राप्त किसी अन्य समकक्ष परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवार भी इंजीनियरिंग स्ट्रीम के लिए उपस्थित होने के पात्र थे.

एग्रीकल्चर साइंस, केमिस्ट्री, अर्थ साइंस, लाइफ साइंस,मैथमेटिक्स, मेटेरियल साइंस, फिजिक्स, रीजनल प्लानिंग में एमएससी डिग्री धारक या ऐसे किसी कोर्स के फाइनल ईयर में पढ़ने वाले छात्र GATE की साइंस स्ट्रीम में परीक्षा देने के लिए पात्र थे.

आजकल, GATE में इंजीनियरिंग और साइंस स्ट्रीम का विभाजन नहीं है. कोई भी ग्रेजुएट स्टूडेंट अब GATE के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है और साथ ही जो लोग वर्तमान में इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, वास्तुकला, साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स या ह्यूमैनिटीज में किसी भी गवर्मेंट अप्रूव्ड प्रोग्राम के थर्ड ईयर या हायर ईयर में हैं, वे GATE 2025 के लिए उपस्थित होने के पात्र हैं.

हालांकि, पेपर पैटर्न बदल गया है. GATE पेपर में अब तीन तरह के सवाल हैं - मल्टिपल चॉइस क्वेश्चन (MCQ), मल्टिपल सेलेक्ट क्वेश्चन (MSQ) और न्यूमेरिकल आंसर टाइप (NAT). पेपर कुल 100 नंबर का होता है जिसमें 15 अंक जनरल एप्टिट्यूड के होते हैं. MCQ में गलत जवाब के लिए, नेगेटिव मार्किंग होगी, जबकि MSQ या NAT सवालों के गलत जवाब के लिए कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं है.

अपने पहले बैच में GATE का रिजल्ट हर सब्जेक्ट के भीतर प्रतिशत, फ्रैक्टाइल क्लासिफिकेशन के आधार पर घोषित किया गया था, न कि फुल मार्क्स के आधार पर. अब, GATE स्कोर की गणना के लिए रॉ-मार्क्स (सिंगल सेशन टेस्ट पेपर के लिए) या नॉर्मलाइज्ड मार्क्स (मल्टी सेशन टेस्ट पेपर के लिए) का उपयोग किया जाता है, जो क्वालिफाइंग मार्क्स पर आधारित होता है.

इन सालों के विपरीत, जहां आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, पूरी तरग से भरा हुआ GATE आवेदन फॉर्म, रजिस्ट्रेशन फीस के साथ, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली या आईआईएससी बैंगलोर को भेजा जाना था - उम्मीदवार द्वारा चुने गए परीक्षा केंद्रों के अनुसार जहां वह उपस्थित होना चाहता था.

5 Movies For Students: स्टूडेंट हैं तो आपको जरूर देखनी चाहिए ये 5 फिल्म

गेट के पहले एडिशन में, आवेदन फॉर्म के लिए अनुरोध के साथ संबंधित आईआईटी या आईआईएससी के पक्ष में 5 रुपये का क्रॉस किया हुआ भारतीय पोस्टल ऑर्डर और 4.50 रुपये का खुद का पता लिखा लिफाफा (22 सेमी x 32 सेमी) होना चाहिए. लिफाफे में गेट एडमिट कार्ड भेजने के लिए कहा गया था. आवेदन फॉर्म के साथ 45 रुपये की रजिस्ट्रेशन फीस भी देनी थी, जो नॉन रिफंडेबल थी. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी थी.

कहानी किसान की बेटी के यूपीएससी क्रैक करने की, जब पापा को छोड़ना पड़ा था गांव

TAGS

Trending news