इंदौर: देश में इन दिनों ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque), कुतुब मीनार(Qutub Minar) को लेकर लगातार विवाद छिड़ा हुआ है. सभी की निगाह कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं. इसी बीच मध्यप्रदेश के इंदौर में उस वक्त बवाल मच गया, जब किसी एक संगठन ने सार्वजनिक शौचालय का नाम मुगल शासक औरंगजेब (Mughal ruler Aurangzeb) के नाम पर रख दिया. जैसे ही ये बात निगम अफसरों तक पहुंची, तुरंत ही औरंगजेब नाम के पोस्टर को हटाया गया. हालांकि किस संगठन ने यह पोस्टर चिपकाया इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अनाथ बच्चों को PM मोदी की बड़ी सौगात, PM केयर्स फंड से आज अकाउंट में आएंगे 10 लाख रुपए


दरअसल  दो दिन पहले किसी संगठन ने शहर के एबी रोड़ स्थित शौचायल पर औरंगजेब मूत्रालय के पोस्टर लगा दिए. इसकी भनक न तो प्रशासन को लगी और ना ही नगर निगम को.


घटना से किया इनकार
जब नगर निगम अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की तो जोन क्रमांक 7 के जेडो यादव ने घटना होने से ही इनकार कर दिया, लेकिन शौचालय के कर्मचारी नितिन ने बताया कि किसी ने रात को आकर पोस्टर लागये थे. लेकिन बाद में आकर निगम की टीम ने पोस्टर निकाल दिए. निगम अधिकारियों को अब तक यह जानकारी नहीं है कि यह पोस्टर किस संगठन ने लगाए है. इस मामले में में अभी तक कोई  एफआईआर नहीं हुई है ना ही मामला थाने तक पहुंचा है.


MP Panchayat Chunav पर बड़ा अपडेट, जानिए कब तक जमा कर सकेंगे पंच-सरपंचों के नामांकन पत्र


क्या है ज्ञानवापी विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 1664 में मुगल शासक औरंगजेब ने करवाया था. हालांकि दावा किया जाता है कि मस्जिद से पहले यहां मंदिर हुआ करता था. औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाकर उसके अवशेषों से इस मस्जिद का निर्माण करवाया था. वहीं शौचालय के ये पोस्टर इंदौर में इसलिए लगाए गए हैं क्योंकि काशी का नाता इंदौर से रहा है. क्योंकि 1670 में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ धाम का पुनर्निर्माण करवाया था.