चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: अंधविश्वास के शिकार हुए बच्चे की मौत के मामले में पुलिस ने पिता पर इरदाता हत्या का मामला दर्ज किया है. इलाज के नाम पर मासूम को गर्म सुइयों से जलाया था. जिसके बाद उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. मामला शनिवार शुबह ही रतलाम से सामने आया था, जहां एक 7 साल के मासूम बच्चे को गर्म सुइयों से गोदा गया था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.


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इलाज के दौरान मासूम ने तोड़ा दम
बच्चे की उम्र 7 साल थी. उसे बीमारी से बचाने के लिए अंधविश्वास में आकर परिजनों ने ही डॉम यानी की गर्म सुई से शरीर पर अलग-अलग जगह जलाया था. हालात गंभीर होने पर उसे रतलाम बाल चिकित्सालय इलाज के लिए लाया गया था और यहा वह वेंटीलेटर पर था, लेकिन मासूम जिंदगी की जंग हार गया और अंधविश्वास का शिकार हो गया.


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जांच में जुटी पुलिस
मृतक बच्चा राजस्थान के सालमगढ़ का निवासी था. सालमगढ़ पुलिस ने अब मृतक बच्चे के पिता नरसिंह के खिलाफ धारा 304 गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. सब इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि बच्चे की पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. फिलहाल मामले में किसी तरह की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.


पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
बता दें कि इस तरह से बच्चों को शरीर पर जलाने को ग्रामीण-आदिवासी अंचल इलाकों में डॉम कहा जाता है और यह एक अंधविश्वास है. जिसमें ग्रामीण मानते हैं कि यदि बच्चे को कोई बीमारी हो तो उसे डॉम लगा देने से बीमारी चली जाती है. ऐसे मामले रतलाम जिला अस्पताल में पहले भी कई बार आ चुके है. गर्म सलाखों या सुइयों से जलाने के अंधविश्वास में कई बार बच्चों की जान आफत में आ चुकी है, लेकिन यह अंधविश्वास अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है.


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