प्रमोद शर्मा/भोपाल। राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर अब मध्य प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग करने वाले विधायकों को बधाई दी है. वहीं अब इस मामले में प्रदेश के गृहमंत्री और राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रभारी रहे नरोत्तम मिश्रा की एंट्री भी हो गई है. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की सलाह दी है. 


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विधायक बार-बार टूट रहे हैं 
नरोत्तम मिश्रा से जब विधायकों की क्रॉस वोटिंग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''कमलनाथ से अपने विधायक नही संभल रहे है. बार बार विधायको की टूटन हो रही है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ''राष्ट्रपति चुनाव में कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों के ईमान पर सवाल उठाकर उनको बिकाऊ बता दिया था, इसलिए अंतरात्मा की आवाज पर कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. जर्जर होती कांग्रेस में यह आखिरी कील थी. इसलिए कमलनाथ जी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.''


इस बार भी बेदम निकलेगा यह दावा 
का कहना है कि विधायक बार-बार टूट रहे हैं. वहीं 2023 में कमलनाथ के सत्ता में वापसी के दम पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ''कितनी बार दम भर चुके है हर बार बेदम निकला है इस बार भी बेदम निकलेगा. पहले भी कमलनाथ के विधायक साथ छोड़ चुके हैं. देश के दो राज्यों में सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग हुई हैं जिनमें मध्य प्रदेश में भी शामिल है.''


दो साल में पांच बार टूटी कांग्रेस 
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होते ही हमने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से उन्हें सर्मथन करने की मांग की थी. क्योंकि वह लगातार जनजातीय समुदाय की दम पर ही प्रदेश की सत्ता में रहे हैं, इस लिहाज से हमने उनसे समर्थन मांगा था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने ही विधायकों को बिकाऊ बता दिया, जिससे विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पिछले दो साल में मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी 5 बार टूट चुकी है.''


मध्य प्रदेश में हुई क्रॉस वोटिंग 
दरअसल, मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को हुई वोटिंग में की विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. एमपी के पांच विधायक ठीक से वोट नहीं कर पाए और पांच विधायकों के वोट इनवैलिड हो गए. जबकि कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को मध्य प्रदेश से 146 वोट मिले हैं, जबकि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 79 वोट मिले. मध्य प्रदेश में भाजपा के पास 130 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 95 विधायक हैं, तीन निर्दलीय और एक बसपा विधायक है. इस लिहाज से देखा जाए तो प्रदेश में एक दर्जन विधायको ने क्रॉस वोटिंग की है. इस लिहाज से द्रौपदी मुर्मू को यशवंत सिन्हा से ज्यादा वोट मिले हैं. 


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