भोपाल। हरियाणा कांग्रेस के सभी विधायकों ने इस दौरान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डेरा जमा रखा है. क्योंकि हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए 10 जून को होने वाली वोटिंग को लेकर सियासी घमासन तेज हो गया है. चुनाव से पहले कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है, इसलिए कांग्रेस के विधायक कल शाम से ही रायपुर में हैं. लेकिन हरियाणा के विधायकों के छत्तीसगढ़ भेजे जाने पर एमपी में भी सियासत शुरू हो गई है. 


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कमलनाथ को दी है जिम्मेदारी 
दरअसल, राज्यसभा के चुनाव तक इन विधायकों के समन्वय की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी गई है. बताया जा रहा है कि कमलनाथ विधायकों से मुलाकात कर उन्हें वोटिंग और दूसरी जानकारी देंगे. जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं. ऐसे में यह मामला अब तीन राज्यों की सियासत तक पहुंच गया है. 


नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना 
वहीं विधायकों के समन्वय की जिम्मेदारी कमलनाथ को देने पर नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है, उन्होंने 2018 के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि  "अपनी बिगड़ी बना ना सके हम और जमाने भर के घड़ी साज रहे" नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सक्रिय कमलनाथ जी पर उपरोक्त पंक्तियां एकदम सटीक बैठती है.''


नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद यह मामला अब तीन राज्यों में सियासत की वजह बन गया है. बताया जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के सभी विधायक वोटिंग तक रायपुर में ही रहेंगे. जबकि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी विधायकों से लगातार चर्चा कर रहे हैं. 


वहीं राज्यसभा चुनाव को लेकर हरियाणा में बनी परिस्थिति पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''भाजपा का काम है, जहां बहुमत नहीं होना वहां खरीद-फरोख्त करना. धन बल, छल बल के साथ चुनाव जीतने की कोशिश करना है. भाजपा यही करती रही है. हरियाणा से कांग्रेस विधायकों के रायपुर पहुंचने पर उन्होंने कहा कि यहां सबकुछ ठीक है विधायकों का प्रशिक्षण चल रहा है. 


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