Neem Ped Ke Upay: शनि-केतु या पितृदोष से परेशान हैं? करें नीम के पेड़ के ये अचूक उपाय; तुरंत मिलेगा छुटकारा
neem ped ke upay: यदि आप शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, महादशा, केत के कोप या फिर पितृदोष से पीड़ित है तो आज हम आपको नीम के पेड़ के कुछ ऐसे चमत्कारी उपाय बता रहे हैं, जिसे करने से आपको इन सभी समस्याओं से निजात मिल जाएगी.
Neem Ke Patton Ka Totka: सनातन धर्म में नीम के पेड़ (neem ped) का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस पेड़ में उग्र शक्ति, महाकाली, मां दुर्गा समेत कई देवी-देवताओं का साक्षात वास होता है. हिंदू धर्म में नीम के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. जिस घर के बाहर या आंगन में नीम का पेड़ होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. वहीं ज्योतिष (astrology) की मानें तो यदि आप शनि-केतु (shani ketu) या पितृदोष (pitri dosh) जैसी समस्या से ग्रसित है तो आज हम आपको नीम के पेड़ के कुछ ऐसे उपाय (neem ped ke upay) बता रहे हैं, जिससे आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.
शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए
यदि आपके कुंडली में शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती या महादशा चल रही है तो आप नीम के पेड़ के इस उपाय से इन परेशानियों को दूर कर सकते हैं. इसके लिए आप मीन के पेड़ की पतली टहनी तोड़े और उसे धोकर उसकी लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े बनाएं. इसके बाद इसे काले धागे में पिरोकर माला बना लें. शनिवार के दिन इस माले को शनि चालीसा का पाठ करने के बाद धारण कर लें. ऐसी मान्यता है कि इस माले को लगातार एक महीना धारण करने से शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल जाती है.
केतु के कोप से मुक्ति के लिए
धार्मिक मान्यतानुसार यदि आप केतु के कोप से पीड़ित हैं और करियर में बार-बार रुकावट उत्पन्न हो रही है तो नीम से बड़ा कोई उपाय नहीं है. केतु के कोप से मुक्ति के लिए घर के बाहर नीम का पेड़ लगाएं. साथ ही केतु शांति के लिए हर रविवार को नीम के लकड़ी से हवन करें. साथ ही नीम की पत्तियों का रस निकालकर उन्हें नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से केतु के प्रभाव से मुक्ति मिलती है.
पितृ दोष से मुक्ति के लिए
यदि आपके घर में या कुंडली में पितृदोष है जिसके चलते आपको बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आप इस उपाय को कर सकते हैं. पितृदोष से मुक्ति के लिए आप घर के दक्षिण या उत्तर पश्चिमी कोण में नीम का पेड़ लगाएं. इससे पितृ देव प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि बरकरार रहती है.
ये भी पढ़ेंः Surya Gochar 2023: वैलेंटाइन डे से पहले इन राशियों की लवलाइफ में होगा बदलाव, बढ़ेगा प्यार
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)