MP News: मध्य प्रदेश में तीन निकाय के अध्यक्षों के खिलाफ एक ही दिन में अविश्वास प्रस्ताव लाए गए. निकाय अध्यक्षों के 2 साल पूरे होते ही अविश्वास प्रस्ताव की लगी झाड़ लग गई, लेकिन शाम को मोहन कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम में बड़ा संशोधन किया गया. नगर पालिका और नगर परिषद निकायों में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 2 साल के बजाय 3 साल की अवधि तय कर दी गई. अब 2 साल की जगह 3 साल में नगर पालिका और परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकेंगे. अध्यक्ष को हटाने के लिए दो तिहाई की जगह तीन तिहाई बहूमत होना जरूरी होगा. 


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भाजपा शासित नगरपालिका नर्मदापुरम में सत्तारूढ़, विपक्षी और निर्दलीय पार्षदों ने अध्यक्ष नीतू यादव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अविश्वास के लिए विशेष सम्मेलन बुलाने का प्रस्ताव पारित किया. लगभग 21 पार्षदों ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन आज सीएमओ एवं कलेक्टर सोनिया मीना को सौंपा. नगर पालिका में लगातार पार्षदों की अवमानना एवं नगर में विकास के कार्यों में रुकावट के चलते नपाध्यक्ष नीतू यादव की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे थे. इसी आक्रोश के चलते आज सत्ताधारी दल, विपक्ष ओर निर्दलीय पार्षदों ने मोर्चा खोलते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र कलेक्टर को सौंपते हुए अविलंब विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग की. 


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टीकमगढ़ में अध्यक्ष के विरोध में हुए 19 पार्षद
इधर, टीकमगढ़ नगर पालिका के कई पार्षदों की ओर से अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. उपाध्यक्ष सहित 19 पार्षद कलेक्टर को पत्र सौंपने पहुंचे. कलेक्ट्रेट में डीएम दफ्तर के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार के खिलाफ भाजपा कांग्रेस के 19 पार्षदों ने खोला मोर्चा खोल दिया. टीकमगढ़ नगर पालिका में भाजपा कांग्रेस के मिलाकर कुल 27 पार्षद हैं. 27 पार्षदों में से 19 पार्षद अध्यक्ष के विरोध में हैं.


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राजगढ़ में आाय प्रस्ताव
इसके अलावा राजगढ़ में कई पार्षदों ने मिलकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया. अन्य जिलों से भी अविश्वास प्रस्ताव की खबरें सामने आ सकीत हैं.  इसी वजह से मोहन कैबिनेट में बड़ा फैसला किया गया. मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया था. संशोधन प्रस्ताव पास होने के बाद दो नियमों में बदलाव हो गया. 2 साल की जगह 3 साल में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकेंगे. अध्यक्ष को हटाने के लिए दो तिहाई की जगह तीन तिहाई बहुमत होना जरूरी होगा.


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