पीयूष शुक्ला /पन्नाः मध्य प्रदेश का पन्ना जिला देशभर में अपनी अलग पहचान रखता है. क्योंकि पन्ना जिला हीरों के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है. लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ कि हीरा अपने पन्ना से बिछड़ गया. अब आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कैसे हो सकता है कि हीरा पन्ना से बिछड़ गया. तो चलिए हम आपको पूरा माजरा बताते हैं. 


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हीरा से पन्ना बिछड़ गया
दरअसल, आज हम बात पन्ना में मिलने वाले बेशकीमती हीरों की नही बल्कि पन्ना टाइगर रिजर्व के दो ऐसे बाघों की कर रहे हैं. जिनका नाम हीरा और पन्ना है. एक समय था जब ये दोनों यार पर्यटकों को खूब लुभा रहे थे. इन दोनों की वजह से पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला रेंज में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई थी. दोनों बाघों की स्थिति यह हो गई थी कि वह एक दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते थे. लेकिन अब हीरा और पन्ना साथ-साथ नहीं है. क्योंकि हीरा से पन्ना बिछड़ गया है. 


ऐसा इसलिए क्योंकि हीरा टाइगर रिजर्व की सीमा छोड़कर सतना जिले के चित्रकूट के जंगलों में चला गया है. ऐसे में प्रबंधन को भी चिंता सता रही है कि अब हीरा पन्ना के बगैर कैसे रह सकता है. बता दें कि दोनों बाघों को नाम हीरा और पन्ना टाइगर रिजर्व वालों ने ही रखा था. 


दोनों में थी बहुत दोस्ती 
आम तौर पर नर बाघों में बहुत कम दोस्ती देखने को मिलती है. लेकिन यह पहला मौका है जब दो मेल टाइगर साथ साथ रहे हो और इनका नाम भी हीरा और पन्ना रखा था. क्योंकि हीरा पन्ना के बगैर नहीं रह सकता और पन्ना हीरा के बगैर नहीं रह सकता. लेकिन अब यह बाघों में से हीरा पन्ना को छोड़कर चला गया है. इन दोनों बाघों ने बफर क्षेत्र अकोला में अपना रहवास बना लिया था. शांत स्वभाव के यह दोनों बाघ हमेशा एक दूसरे की अठखेलियां करते नजर आते थे और पर्यटकों को भी खूब लुभाते थे. लेकिन अब हीरा पन्ना को छोड़कर चला गया है. 


पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि हीरा पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा को छोड़कर सतना जिले की सीमा में पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि यह दोनों सेटेलाइट रेडियो कॉलर बाघ हैं. जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारियों को जानकारी लगी है. हालांकि कुछ दिन पहले तक अटखेलियां करने वाले यह हीरा और पन्ना दोनों भाइयों की तरह रहते थे. लेकिन हीरा के बिछड़ जाने से पन्ना अब उदास रहने लगा है और यह उदासी टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारियों को भी समझ में आ रही है. 


हालांकि क्षेत्र प्रबंधक ने इसे प्रकृति का नियम बता रहे हैं. क्योंकि होता यही है दो नर बाघ एक दूसरे के साथ ज्यादा लंबे समय तक नहीं रह सकते हैं. उनका कहना है कि पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के द्वारा दोनो बाघों के मूवमेंट पर सतत निगरानी रखी जा रही है. लेकिन दो दोस्तों के बिछड़ने की कहानी भी लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी है. 


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