मध्यप्रदेश की इस गुफा में छुपे थे महादेव, जानें क्या है पीछे की कहानी
Mysterious cave-मध्यप्रदेश रहस्यों से भरा हुआ है यहां कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं. जो धार्मिक मान्यताओं और रहस्यों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं. मध्यप्रदेश के सतपुड़ा में एक हजारों साल पुरानी गुफा मौजूद है. इस गुफा को लेकर कहा जाता है कि महादेव इसी गुफा में आकर छुपे थे. इस गुपा का उल्लेख शिवपुराण में भी किया गया है. इस गुफा को शिव की गुप्त गुफा भी कहा जाता है.
नर्मदापुरम जिले में हजारों साल पुरानी रहस्यमई गुफा मौजूद है. यह गुफा इटारसी से 18 किलोमीटर दूर सतपुड़ा के घने पहाड़ों पर स्थित हैं. इस गुफा में भगवान भोलेनाथ का अति प्राचीन शिवलिंग मौजूद है. कहा जाता है कि जो भी यहां पहुंचता है उसका मन प्रसन्न हो जाता है.
इस गुफा को लेकर मान्यता है कि भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव सतपुड़ा की इसी गुफा में आकर छिपे थे. यही वजह है कि ये गुफा बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है और इसकी काफी ज्यादा मान्यता है. हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भस्मासुर जब शिवजी के पीछे पड़ गए थे तो उनके प्रकोप से बचने के लिए सतपुड़ा की पहाड़ियों पर बनी इस गुफा में शिवजी छुप गए थे. उन्होंने अपने ऊपर सिंदूर का लेप कर लिया ताकि भस्मासुर उन्हें न पहचाने.
यहां सिंदूर चढ़ाने की प्रथा कई सालों से चली आ रही है. श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाते हैं. लोगों का मानना है कि सिंदूर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.
आदिवासी समुदाय ने इस जगह की खोज की इतना ही नहीं वहीं लोग बड़ा देव के रूप में शिवजी की पूजा अब तक करते आ रहे हैं. आदिवासी समुदाय द्वारा ही इस जगह का संचालन किया जाता है.
आदिवासी समुदाय का मानना है कि यह स्थान प्राचीन काल से आदिवासियों के राजा महाराजा का भी पूजन स्थल रहा है. इस वजह के चलते यहां की मान्यता काफी ज्यादा है.
यह जगह नर्मदापुरम जिले में स्थित है, इस गुफा तक जाने के लिए पर्यटकों को दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए जाना पड़ता है. खड़ी चढ़ाई करते हुए साथ ही जंगली जानवरों के बीच से होते हुए गुफा तक पहुंचाना पड़ता है.