Nepal PM: चीन के बहुत करीबी हैं नेपाल के PM प्रचंड, भारत को लेकर कही ऐसी बात जो नहीं उतरी गले के नीचे
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड आज से 4 दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं. वह इस दौरान दो दिन तक मध्य प्रदेश रहेंगे. नेपाल के ये पीएम चीन के बहुत करीबी मानें जाते हैं ये भारत को लेकर कई विवादि बयान दे चुके हैं.
नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार बनते ही वे अपना रंग दिखाना शुरू कर दिए थे. वे कई मौकों पर भारत की आलोचना कर चुके हैं. वहीं कई बार चीन के प्रति उनका प्यार उमड़ता हुआ भी नजर आया है.
बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में भी आएंगे. प्रचंड इंदौर में 2 और 3 जून को आएंगे. यहां दोनों ही देशों की खुशहाली और एकता को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की जायेगी.
इंदौर पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर ने पुलिस अधिकारियों को आज की बैठक में सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए. जिस रूट से वे इंदौर आएंगे वहां तमाम सुरक्षा व्ययवस्था भी दी जाएगी.
बताया जा रहा है कि इंदौर यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री महाकाल लोक का भ्रमण करेंगे और बाबा महाकाल का दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे. इसको लेकर महाकाल लोक में अधिकारियों ने भ्रमण कर तैयारियों का जायजा लिया.
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड के साथ भारत के साथ हमेशा से ही खट्टा मिट्ठा का रिश्ता रहा है. पुष्प कमल प्रचंड के चीन से प्रेम का भाव छिपा नहीं है. भारत को लेकर नेपाल के पीएम प्रचंड ने कई ऐसे बयान दिए हैं जो चुभने वाले हैं.
बता दें कि नेपाल के पीएम प्रचंड के साथ भारत के काफी लंबे समय से संबंध रहे हैं. एक दौर वो भी था जब 1996 से लेकर 2006 तक नेपाल में सरकार और माओवादियों के बीच गृह युद्ध छिड़ा हुआ था. इस परिस्थिति में प्रचंड समेत कई माओवादी नेता भारत में रहे थे.
साल 2008 में प्रचंड पहली बार प्रधानमंत्री बने. इसके पीछे भारत का अहम योगदान रहा. लेकिन प्रधानमंत्री बनते ही पुष्प कमल दहल प्रचंड अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया और भारत ही जगह चीन पहुंच गए.
अपने कार्यकाल के दौरान प्रंचड ने कई ऐसी चीजें की जो भारत के गले से नीचे नहीं उतरी. बेटी रोटी का रिश्ता रखने वाले भारत नेपाल के बीच कई समझौते व संधिया हुई हैं. जिसको लेकर प्रचंड ने कहा कि इसे खत्म कर देना चाहिए या बद देना चाहिए.
भारत के गतिरोध के चलते प्रचंड को पीएम पद से इस्तीफा भी देना पड़ा. इसके साथ ही पीएम प्रचंड ने सार्वजनिक तौर पर नेपाल में संप्रभुता का मुद्दा उठाया और कहा कि वे भारत के आगे कभी सिर नहीं झुकाएंगे.