मां दुर्गा ने छत्तीसगढ़ की इस पहाड़ी पर किया था महिषासुर का वध, 9 दिनों तक चला था युद्ध
Navratri celebration in 2024: शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा की पूजा की जाती है. छत्तीसगढ़ में मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध मंदिर है जहां माता ने महिषासुर राक्षस का वध किया था.
मां दंतेश्वरी
छत्तीसगढ़ के बस्तर को देवी धाम कहा जाता है. क्योंकि यहां कई देवियों के मंदिर हैं. माना जाता है कि कोंडागांव जिले से 50 किलोमिटर दूर स्थित बड़े डोंगर की पहाड़ी पर मां दंतेश्वरी निवास करती हैं. इसके अलावा दंतेवाड़ा शक्तिपीठ और जगदलपुर शहर में दशकों पुराने मंदिर मौजूद हैं.
शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि का त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि मां दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और 10 वे दिन राक्षस का वध किया. माना जाता है कि देवताओं ने माता को शक्ति देने के लिए इन 9 दिनों तक रोजाना पूजा और आराधना की. इसलिए शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.
इसी पहाड़ी पर किया महिषासुर का वध
छत्तीसगढ़ की बड़े डोंगर की पहाड़ी पर ही मां दुर्गा का महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध चला था. बाद में शिव जी ने मां दुर्गा को महिषासुर के वध लिए त्रिशूल दिया. इसका इस्तेमाल कर मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया. आज भी पहाड़ी की चट्टानों पर निशान के रूप में शेर का पंजा, भैंसा और माता के पदचिन्ह देखने को मिलते हैं.
33 देवी-देवताओं का निवास
महाराजा पुरूषोत्तम देव के समय में बड़े डोंगर बस्तर की राजधानी बनी थी. लोगों का मानना है कि ये देवलोक है. बड़े डोंगर गांव चारों तरफ से पहाड़ियों और छने जंगलों से घिरा हुआ है. यहां की हर पहाड़ी पर देवी-देवताओं का वास माना जाता है. आदिवासियों की माने तो यहां पर करीब 33 देवी-देवता निवास करते हैं.
देवी दुर्गा प्रकट हुई
माना जाता है कि सतयुग में महिषासुर राक्षस ने देवताओं की इस परम भूमि पर हमला किया था और चारो तरफ अफरा-तफरी मचा दी थी. कहा जाता है कि देवताओं के बुलाने पर माता पार्वती ने देवी दुर्गा का रूप लिया और इस भूमि पर प्रकट हुई.
भव्य मेले का आयोजन
शारदीय नवरात्रि के मौके पर बड़े डोंगर की इसी ऊंचे पहाड़ी पर बने दंतेश्वरी मंदिर में भव्य मेला का आयोजन होता है. यहां हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेने के लिए पहु्ंचते हैं