Ram Mandir: ग्वालियर के शिल्पकार की अद्भुत कला! `पत्थर की नाव` पर श्रीराम, CM योगी से किया ये आग्रह

Ram Mandir Pran Pratistha: ग्वालियर के शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रदर्शन के लिए `पत्थर की नाव` भेंट करने का प्रस्ताव रखा है.

अभय पांडेय Thu, 11 Jan 2024-11:45 pm,
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Deepak Vishwakarma Gwalior

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. समूचा सनातन किसी ना किसी रूप में इस पावन मौके से जुड़ना चाहता है. ऐसे में ग्वालियर के एक शिल्पकार ने यूपी सरकार से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मैसेज करके आग्रह किया है कि उनके शिल्प "पत्थर की नाव" का प्रदर्शन किया जाए. 

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Gwalior Stone Boat

खास बात ये है कि इस पत्थर की नाव पर प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता की मनमोहक कृतियों के साथ पतवार लेकर निषादराज केवट की कृतियां विराजमान हैं.

 

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Deepak Vishwakarma Stone Boat

बता दें कि दीपक पेशे से शिल्पकार हैं और महज 8 वर्ष की उम्र से शिल्पकला की साधना कर रहे हैं. दीपक बताते हैं कि उनका परिवार 5 पीढ़ियों से शिल्पकला के क्षेत्र में पत्थर पर प्रतिमाएं गढ़ने का कार्य कर रहा है.

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Deepak Vishwakarma Gwalior

वर्ष 2021 में दीपक ने एक पत्थर की नाव को आकार दिया था. 50 से 60 किलो के एक मिंट स्टोन को 40 दिन में कड़ी मेहनत के बाद उसे नाव को आकार देने में सफल रहे थे. जिसमें प्रभु राम, लक्ष्मण, माता सीता के साथ केवट की कृतियों को आकार दिया गया है.

 

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Deepak Vishwakarma Made Stone Boat

दीपक ने बताया है कि वे भगवान विश्वकर्मा के वंशज और प्रभु राम के भक्त हैं. जिस तरह भगवान विश्वकर्मा के वानर पुत्र नल और नील ने राम सेतु निर्माण के वक्त सबसे पहले प्रभु राम के नाम का स्मरण कर समुद्र में पत्थर डाले थे, जिन पर श्री राम लिखा था और वे तैरने लगे थे. उन्हीं के नाम का स्मरण कर उनका आशीर्वाद लेकर वे "पत्थर की नाव" को आकार देने में सफल रहे हैं.

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who is Deepak Vishwakarma

बतौर शिल्पी दीपक विश्वकर्मा महामहिम राष्ट्रपति से पुरुस्कृत हैं. दीपक ने सोशल मीडिया एक्स पर मैसेज करके यूपी सरकार से आग्रह किया है कि वे पत्थर की नाव को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रदर्शन के लिए भेंट करना चाहते हैं. ताकि उन लोगों को ज़बाब दिया जा सके, जिन्होंने प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए थे और उन्हें काल्पनिक बताया था.

 

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Deepak Vishwakarma Yogi

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दीपक को मैसेज किए हुए 22 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है. दीपक को उम्मीद हैं कि यूपी सरकार जल्दी ही उनसे संपर्क करेगी और उनकी कृति को विशेष मंच मिल सकेगा. जो उनकी शिल्पकला को विशेष पहचान दिलाने में सहायक साबित होगा.

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