Chaitra Navratri 2023 Vastu: नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार करें पूजा, निश्चित ही प्रार्थना होगी सफल
Shardiya Navratri 2022 Vastu For Pooja Ghar: एक साल 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है. ऐसे में हम आज आपको नवरात्रि में माता की पूजा में वास्तु से संबंधित वास्तू के बारे में बताएंगे, जिससे आपकी प्रार्थना सफल होगी.
नवरात्रों का वास्तु
नवरात्रों में अगर वास्तु का ध्यान रख पूजा घर तैयार किया जाए तो प्रार्थना सफल होगी और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहेगी. आज हम वास्तु शास्त्र के अनुसार उन्हीं टिप्स के बारे में बात करेंगे.
घर के मुख्य द्वार का वास्तु
घर के मुख्य द्वार का वास्तु 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक नवरात्रि के नौ दिन घर के मुख्य द्वार पर दोनों और चूने व हल्दी से स्वास्तिक बनाकर आम व अशोक के पत्तों का तोरण भी लगाएं. आम व अशोक के पत्ते सकारात्मक ऊर्जा देते हैं. नवरात्र में इनका इस्तेमाल करने से शुभता बनी रहेगी और घर में वास्तु दोषों का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा.
मूर्ति स्थापना की दिशा
मूर्ति स्थापना की दिशा देवी दुर्गा की प्रतिमा या कलश की स्थापना ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व के कोने में करें. उत्तर-पूर्व को पुराणों में देवताओं का स्थान माना गया है. इस कारण से यहां स्थापना शुभ होगी. अगर अखंड ज्योति जलाई जाती है तो इसे आग्नेय कोण में जलाएं. इससे शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होगी.
आसन के लिए चंदन की चौंकी
आसन के लिए चंदन की चौंकी दुर्गा की प्रतिमा या कलश स्थापना चंदन की चौकी में करना शुभ माना गया है. अगर आप चाहें तो चंदन की चौकी पर ही कलश और प्रतिमा रखा जा सकता है. इससे कोई दोष नहीं है. चंदन के प्रभाव से पूजा स्थान सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बन जाएगा और वास्तु दोषों का शमन होगा.
पूजा करने वाले के मुख की दिशा
पूजा करने वाले के मुख की दिशा पूजन के समय जो भी व्यक्ति मुख्य पूजा में बैठता है उसका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो. पूर्व दिशा के स्वामी सूर्यदेव है. इस कारण ये शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है. पूर्व या उत्तर दिशा में मुख कर पूजा करने से घर के सदस्यों की प्रसिद्धि बढ़ती है और दीनता दूर होती है.
पूजा घर में रंगों का वास्तु
पूजा घर में रंगों का वास्तु पूजा घर को सजाने के लिए और पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का उपयोग करना चाहिए. ये रंग माता रानी को अत्यंत प्रिय हैं साथ ही लाल रंग सत्ता व शक्ति का प्रतीक है. माना जाता है इस रंग का फूल चढ़ाने से माता रानी प्रसन्न होती है. इसके अलावा लाल रंग की रोली, चंदन, साड़ी, चुनरी का प्रयोग भी किया जा सकता है.
काले रंग से बनाएं दूरी
काले रंग से बनाएं दूरी सनातम मान्यता और हिंदू संस्कारों के अनुसार पूजा में काले रंग का उपयोग नही होता. इसी कारण शारदीय नवरात्रि की पूजा में समय काले रंग के कपड़ों के उपयोग से बचा जाता है. ये रंग अशुभ माना जाता है. इससे मन में अशुद्धि की भावना आती है और ध्यान में मन नहीं लगता.
कब से कब तक है शारदीय नवरात्रि
कब से कब तक है शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर दिन सोमवार से शारदीय नवरात्रि शुरू होगी, जिसका समापन 5 अक्टूबर को होगा. इस दौरान 9 स्वरूपों मां भगवती की अलग-अलग दिन पूजा होगी. इसमें कई नियम और व्रतों का पालन करना होता है. इन्हें में से हैं ऊपर बताए गए वास्तु टिप्स जो आपकी पूजा को सफल बनाएंगे.
नवरात्रों का वास्तु
(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्याताओं और सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारियों से ली गई है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप अपने आचार्य और पूजा विशेषज्ञों से इस संबंध में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं.)