National Sports Day 2022: कहानी उस इंदौरी की जिसने भारत के लिए विदेशी जमीन पर जड़ा पहला शतक
Story of Syed Mushtaq Ali on Sports Day 2022: आज स्पोर्ट्स डे है और आप जानते हैं कि हमारे देश में ज्यादातर लोगों का फेवरेट खेल क्रिकेट ही है. वैसे अब लोग और भी खेलों को पसंद करने लगे हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि विदेशी जमीन पर शतक जड़ने वाले पहले भारतीय कौन हैं?अगर आपको नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते हैं ऐसे ही एक इंदौरी की कहानी.जिन्होंने विदेशी सरजमीं में जड़ा था सैकड़ा.
सैयद मुश्ताक अली (Syed Mushtaq Ali) ने पहला विदेशी टेस्ट शतक ठोकने का रिकॉर्ड 1936 में ओल्ड ट्रैफर्ड में गोरों के खिलाफ 112 रन बनाकर बनाया था.
सैयद मुश्ताक अली का जन्म 17 दिसंबर 1914 में इंदौर में हुआ था. उन्होंने इंदौर और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की थी. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में, उन्होंने 1930 और 1964 के बीच होल्कर, मुस्लिम, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य भारत, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था.वहीं रणजी ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में वो होल्कर के लिए खेले थे.
क्रिकेट में उनके योगदान के लिए उन्हें 1964 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. साथ ही मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब ऑफ इंग्लैंड ने उन्हें क्रिकेट में उनके योगदान के लिए क्लब का लाइफटाइम सदस्य बनाया था.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जो भारत की एक घरेलू 20-20 क्रिकेट चैंपियनशिप है. ये इन्हीं के नाम पर ही है. बता दें कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी रणजी ट्रॉफी की टीमों के बीच होती है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित की जाती है.
बता दें कि अपने समय में सैयद मुश्ताक अली सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं थे. बल्कि उनकी ख्याति सुपरस्टार के जैसे थी. यूथ उनको अपना आइकन मानता था.
सी के नायडू के बारे में तो आप अच्छी तरह जानते हैं. जो भारत के पहले टेस्ट मैच के कप्तान थे. सैयद मुश्ताक अली उन्हीं की डिस्कवरी थे. सी के नायडू ने 13 साल के मुस्ताक को इंदौर में देखा था और इसके बाद सी के नायडू ने ही उनकी क्रिकेट स्किल्स को डेवलप्ड किया.
सैयद मुश्ताक अली ने अपनी अंतिम सांस 18 जून 2005 को मध्यप्रदेश के इंदौर में ली और इस दिन देश के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक मुस्ताक दुनिया छोड़कर चले गए.