Photos: पहले कटवाई चमड़ी, फिर मां को पहनाई अपनी स्किन से बनी चप्पल, भावुक हुए लोग

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: कलयुग में जहां बेटे अपनी खुशियों के लिए मां-बाप को घर से निकाल देते हैं, लेकिन उज्जैन में कलयुग का एक ऐसा श्रवण कुमार भी है जिसने अपनी मां की चरण पादुका के लिए अपनी ही चमड़ी दे दी. यह हैरान कर देने वाला मामला उज्जैन शहर में ढांचा भवन में रहने वाले गुर्जर परिवार के यहां का है.

शिखर नेगी Thu, 21 Mar 2024-7:57 am,
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उज्जैन के रौनक गुर्जर जो रोजाना रामायण पढ़ते हैं, उन्हें रामायण पढ़ते हुए ऐसी प्रेरणा मिली कि उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे अपनी चमड़ी से मां के लिए चप्पले बनवाएंगे.

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रौनक गुर्जर ने इसके बाद एक सर्जरी के बाद अपनी जांघ से चमड़ी निकलवाकर मां के लिए चरण पादुका बनवाई और उन्हें भेंट कर दी.

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जब बेटे रौनक गुर्जर ने मां को ये चरण पादुका पहनाई तो मां बेटे का यह अगाध प्रेम देखकर लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे. मां-बेटे भी एक दूसरे से लिपटकर रोने लगे.

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राम भक्त रौनक का कहना हैं कि रामायण पढ़ कर उसे यह प्रेरणा मिली. वहीं ऐसा करने पर भक्त की मां ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा बेटा मिला. उसके हर दुःख भगवान मेरी झोली में डाल दें.

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बता दें कि ढांचा भवन क्षेत्र में राम कथा का आोयजन हो रहा है. वहां रौनक कथावाचक जितेंद्र महाराज के पास पहुंचे और उन्होंने महाराज को कहा कि रामायण से प्रेरित होकर मां के लिए खड़ाऊ बनवाए है. जिसे सुन हर कोई दंग रह गया. जिस मां के लिए खड़ाऊ बने वह खुद दंग रह गई.

 

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हालांकि मां निरुला गुर्जर ने अपने बेटे रौनक को आंखों में आंसू लिए ढेर सारा आशीर्वाद दिया है और प्रेम से बेटे द्वारा बनवाई चप्पल को पहना.

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