Vat Savitri Vrat Upay: वट सावित्री व्रत पर महिलाएं करें ये उपाय, होगी अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

Vat Savitri Vrat 2023: हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है. ऐसी मान्य है कि जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत को रखकर सभी नियमों का पालन करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वर प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कब है वट सावित्री व्रत और क्या है पूजा उपाय...

शुभम तिवारी Thu, 18 May 2023-9:09 pm,
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कब है वट सावित्री व्रत

हिंदू पंचांग के ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 18 मई की रात्रि 09 बजकर 42 मिनट पर शुरू हो रही है. जिसका समापन 19 मई की रात्रि 09 बजकर 42 मिनट पर होगा. उदयातिथि मान्यतानुसार वट सावित्री व्रत 19 मई को रखा जाएगा. 

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वट वृक्ष की पूजा

वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ में त्रिदेव-ब्रम्हा, विष्णु और महेश का वास होता है. वट वृक्ष के जड़ में ब्रम्हा, तने में विष्णु और पेड़ के डालियों में महादेव का वास होता है. इसके अलावा नीचे की तरफ लटकी डालियों में सती सावित्री का वास होता है.

 

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अखंड सौभाग्यवती होने के लिए

धार्मिक मान्यतानुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन सावित्री ने अपने तप के बल पर अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर आई थी. तभी से ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन स्त्री सती सावित्री का व्रत रखकर विधि विधान से पूजा उपाय को करता उनके पति की आयु लंबी होती हैं और उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है.

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वट सावित्री व्रत पूजा विधि

इस दिन बरगद के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें. साथ ही गुड़ चना, फल, अक्षत और फूल अर्पित करें. इस दिन सुहागिन स्त्रियां बरगद के पेड़ के नीचे वट सावित्री व्रत की कथा सुने और जरुरतमंद को सोलह श्रृंगार की सामग्री दान करें. ऐसा करने से अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है. 

 

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संतान प्राप्ति के लिए

अगर आप निसंतान हैं तो ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखें. इस दिन बरगद के पेड़ की सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत बांधे और संतान प्राप्ति की कामना करें. ऐसा करने से संतान सुख की कामना इच्छा शीघ्र ही पूरी होगी. 

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मनोकामना पूर्ति के लिए

अगर आपका कोई कार्य लंबे समय से अधूरा पड़ा है और पूरा नहीं हो पा रहा है तो ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शाम को वट वृक्ष के नीचे घी के पांच दीपक जलाएं और अपनी मनोकामना को मन में दोहराएं. ऐसा करने से आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी हो जाएगी.

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बीमारी दूर करने के लिए

अगर कोई लंबी बीमारी से ग्रसित हैं तो वट सावित्री व्रत के दिन यानी ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके साथ ही बीमारी व्यक्ति के बेड के नीचे बरगद की पेड़ रख दें. इस उपाय को करने से आपकी बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी.

(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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