पितृपक्ष में इन 5 नदियों में स्नान करना होता है शुभ, जानिए खास महत्व
Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन अमावस्या तक होता है. जिसके बीच 16 तिथियां पड़ती हैं. इस समय अपने पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए उनके नाम पर दान-पुण्य से लेकर उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है. इसी दौरान इन 5 पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ होता है. आइए जानते हैं कौनसी हैं वो नदियां और इनमें पितृपक्ष के समय स्नान करने से क्या होगा.
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष इस बार 17 सितंबर से शुरू होगा और 2 अक्टूबर तक चलेगा. इसको श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं. इन दिनों में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनकी पूजा और सेवा आदि काम को श्राद्ध पक्ष में करना बहुत ही फलदायी मानते हैं. माना जाता है श्राद्ध पक्ष के समय हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती लोक पर आते हैं. इसलिए इस समय में पिंडदान से लेकर कई चीजें की जाती हैं. माना जाता है कि पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी समय गंगा, सरस्वती, क्षिप्रा, नर्मदा और यमुना में नहाना बहुत शुभ होता है. आइए एक-एक कर जानते हैं इन पवित्र नदियों में नहानें से क्या लाभ मिल सकता है और इनका क्या महत्व है.
गंगा में स्नान से मिट जाते हैं पाप
गंगा को भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है और इसे मां का दर्जा दिया गया है. पितृपक्ष के समय गंगा नदी में स्नान करने से पितरों को शांति मिलती है और उनके लिए किए गए श्राद्ध कर्म फलदायी होते हैं. यह माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है.
सरस्वती में स्नान से पुण्य और शांति
श्राद्ध पक्ष में सरस्वती नदी में स्नान करना शुभ होता है. इस समय सरस्वती नदी में नहाने से पितरों के लिए किए गए श्राद्ध कर्म और भी फलदायी हो जाते हैं. इसमें स्नान करने से जीवन में ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति होती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
क्षिप्रा नदी में नहाना शुभ
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक मानी जाने वाली क्षिप्रा नदी का श्राद्ध में बहुत महत्व है. इस समय लोग पितरों को शांति देने के लिए इस नदी में स्नान करते है. यह नदी धार्मिक पुण्य के साथ-साथ पितरों के प्रति किए गए कर्मों को भी सफल बनाती है.
नर्मदा में नहाने से पितरों के पाप खत्म
नर्मदा को पवित्र नदी माना जाता है और इसके स्नान से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है. नर्मदा नदी में स्नान करने से पितरों के पाप समाप्त होते हैं और उन्हें शांति मिलती है. इसे स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति के अवसर बढ़ जाते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
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यमुना में नहाने से श्राद्ध कर्म फलदायी
यमुना नदी को भगवान कृष्ण की प्रिय नदी माना जाता है. इसके स्नान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इसमें स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है और श्राद्ध कर्म फलदायी बनते हैं.
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