जानिए नया अशोक स्तंभ क्यों है खास, कैसे बना राष्ट्रीय चिन्ह
देश के नए संसद भवन पर लगे नए अशोक स्तंभ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अनावरण कर दिया. इस नए अशोक स्तंभ का काम आठ चरणों में पूरा हुआ है. जिसकी अपनी खासियते हैं.
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन का तेजी से चल रहा है. जिसकी एक और बानगी आज देखने को मिली. नए संसद भवन की छत पर लगे 20 फीट ऊंचे अशोक स्तंभ की आज पहली तस्वीर देखने को मिली. जिसका देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ अनावरण किया. बताया जा रहा है कि कांस्य से बने इस अशोक स्तंभ की कई खूबियां हैं. ऐसे में हम आपको इस नए अशोक स्तंभ के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या है नए अशोक स्तंभ की खासियत
अधिकारियों ने बताया कि कांस्य से बने इस अशोक स्तंभ का वजन 9 हजार 500 किलोग्राम है. जिसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है. जिसका निर्माण 2000 कर्मचारियों ने मिलकर किया है. इसके अलावा इसे सहारा देने के लिए करीब 6,500 किलोग्राम स्टील की संरचना भी तैयार की गई है. ताकि इसे सपोर्ट मिले. बताया जा रहा है कि इस अशोक स्तंभ को क्रेन के जरिए नए संसद भवन के ऊपर स्थापित किया जाएगा.
इस तरह हुआ तैयार
बताया जा रहा है कि इस अशोक स्तंभ चिन्ह को आठ चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है. हर एक चरण में इसके एक-एक हिस्से का काम किया गया. जिसमें ढलाई, मिट्टी मॉडलिंग, कंप्यूटर ग्राफिक्स, कांस्य कास्टिंग और पॉलिशिंग तक का काम किया गया है. इस तरह से आठ चरणों में इसका काम पूरा हुआ. अब यह पूरी तरह से तैयार है. ऐसे में पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसका अनावरण किया.
भारत का राष्ट्रीक प्रतीक है अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है. भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 में इसे राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर अंगीकृत किया था. जिसमें चार सिंह होते हैं, लेकिन केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नहीं देता. अशोक स्तंभ की पट्टी के मध्य में उभरी नक्काशी में चक्र होता है. जिसके दाईं तरफ सांड और बाई तरफ एक घोड़ा होता है.
देवनागरी में लिखा रहता है 'सत्यमेव जयते'
इसके अलावा अशोक स्तंभ में दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं. फलक के नीचे मुंडकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में लिखा गया है. सत्यमेव जयते का मतलब सत्य की ही विजय होती है. इसके अनावरण के दौरान सभी लोग बेहद उत्साहित नजर आए.
शीत सत्र नए संसद भवन को तैयार करने का लक्ष्य
नया संसद भवन आने वाले शीत सत्र तक तैयार हो सकता है. नए संसद भवन में 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है, ऐसे में इस भवन का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा कर लेने की योजना है. बताया जा रहा है कि यह नया संसद भवन शीतकालीन सत्र के दौरान बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा. इसमें करीब 1000 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है. नया संसद भवन बनने के बाद पुराने संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा. बता दें कि पुराना संसद भवन 93 साल पुराना है.
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