Poster Politics: 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इसको लेकर पूरे देश में उत्सव का माहौल है. इसकी वजह यह है कि 550 साल के संघर्ष के बाद भारत के आराध्य देव श्री राम को उनके जन्म स्थान पर प्रतिष्ठित किया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों ने इस दिन के लिए अभूतपूर्व तैयारियां की हैं. प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर देश भर के राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आमंत्रित भी किया गया, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आमंत्रण अस्वीकार करते हुए कार्यक्रम हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया. अब इस मसले पर सियासत शुरू हो गई है. 


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एक ओर मध्य प्रदेश में भाजपा आमंत्रण ठुकराने वाली कांग्रेस पर लगातार हमलावर है, वहीं दूसरी ओर शीर्ष नेतृत्व के फैसला मानने को मजबूर प्रदेश के कांग्रेसी नेता राम भक्ति में डूबकर डैमेज कंट्रोल में लगे हैं. इस बीच एक पोस्टर सामने आया है. इस पोस्टर में लिखा है- जो 22 को नहीं जाएंगे, वो 24 को भी नहीं आएंगे. यह पोस्टर मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक भाजपा नेता द्वारा लगाया गया है.


क्या है पोस्टर के मायने?
जैसा की पोस्टर में लिखा-  जो 22 को नहीं जाएंगे, वो 24 को भी नहीं आएंगे. जिसका सीधे तौर पर मतलब है कि जो लोग आमंत्रित होने के बावजूद राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने हो रहे हैं. उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में भी जीत नहीं मिलेगा. इस पोस्टर में बगैर नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधा गया है. भाजपा नेता ने एक तरह से चुटकी लेते हुए कांग्रेस पर तंज कसा है. 



क्या लोकसभा चुनाव में होगा नुकसान?
जैसा कि भाजपा ने 2019 चुनाव राम मंदिर के नाम पर लड़ा और अभूतपूर्व जीत हासिल कर एक बार फिर से सरकार बनाई थी. अब 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जाहिर से बात है आगामी चुनाव में भाजपा को इसका लाभ हो सकता है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जाने वाले कांग्रेस को इससे नुकसान होगा. यह साफ नहीं कहा जा सकता. क्योंकि कांग्रेस के साथ-साथ देश के चारों शंकराचार्य भी प्राण प्रतिष्ठा में भाग नहीं ले रहे हैं. कांग्रेस भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए शंकराचार्य के तर्क दे रही है. इस वजह से कांग्रेस को सीधे तौर हिंदू विरोधी नहीं कहा जा सकता है.