Power Crisis In MP: भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 21 जनवरी से बिजली विभाग (Electricity Department) के संविदा,आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल (Strike) को अब नियमित कर्मचारियों का साथ मिल गया है. अब बिजली विभाग के ज्यादातर कर्मचारी आज से न तो फाल्ट सुधारेंगे और न ही कोई नया कनेक्शन देंगे. ऐसे में अब अगर जल्द हड़ताल का कोई समाधान नहीं निकला तो प्रदेश में अंधेरा छाने के साथ ब्लैक आउट की स्थिति बन सकती है.


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बन सकती है ब्लैक आउट की स्थिति
आज से संविदा बिजली कर्मियों और आउटसोर्स कर्मचारियों के हड़ताल में नियमित कर्मचारी भी शामिल हो रहे हैं. ऐसे में ये अब कहा भी फाल्ट होने पर उसे सुधारने नहीं पहुंचेगा न ही वो किसी नए बिजली कनेक्शन के लिए जाएंगे. बिजली बिलों की बसूली, पेट्रोलिंग और सर्वे का काम भी नहीं किया जाएगा. ऐसे विभागीय परेशानियां बढ़ने के साथ ही मध्य प्रदेश में बिजली गुल होने की आशंका भी बढ़ गई है.


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क्या हैं कर्मचारियों की मांग?


- संविदा बिजलीकर्मियों को जल्द नियमित किया जाए


- आउटसोर्स कर्मचारियों को संविलियन करते हुए कार्यावधि और वरिष्ठता के अनुसार वेतनवृद्धि दी जाए. इसके साथ ही उनके भविष्य को सुरक्षित करने की नीति बनाई जाए. इतना ही नहीं कर्मचारियों ने उनके लिए 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा भी मांगा है.


- हड़ताली कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है. जिससे रिटायरमेंट के बाद उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके.


- विभाग में आ रही वेतन विसंगतियों को दूर की मांग की गई है. इसके लिए उन्होंने कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है.


- संविदा बिजलीकर्मियों और आउटसोर्स कर्मचारियों ने लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का पुर्ननिरीक्षण करने के साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कैसलेस मेडिक्लेम लागू करने की मांग की है.


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70 हजार कर्मचारियों का काम बंद
बता दें इस हड़ताल में 70 हजार बिजली कर्मचारी भाग ले रहे हैं. इनका ये प्रदर्शन अनिश्चितकालीन के लिए ऐलान किया गया है. इसमें नियमित, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं. बिजली संगठन ने कल चेतावनी दी थी की मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हुई तो हड़ताल की राह पर जाएंगे. अब फिर से 25 हजार नियमित, 45 हजार आउटसोर्स, 6 हजार संविदा कर्मचारी अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.


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