Ken Betwa river linking project: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच की केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की केन-बेतवा परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं. इस परियोजना के संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर शिलान्यास के लिए तारीख देने का अनुरोध किया है. साथ ही प्रधानमंत्री को परियोजना के शिलान्यास की तैयारियां पूरी होने की भी जानकारी दी है. बता दें कि यह परियोजना केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से की जा रही है.



Lok Sabha MPs oath taking: भर्तृहरि मेहताब होंगे प्रोटेम स्पीकर, MP के फग्गन सिंह कुलस्ते की होगी यह भूमिका


केन-बेतवा लिंक परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर पहली बार 2005 में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच नदी जल बंटवारे को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. केंद्र सरकार ने नदियों को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना को बनाया था. इसमें हर साल नवंबर से अप्रैल के बीच उत्तर प्रदेश को 750 एमसीएम और मध्य प्रदेश को 1834 एमसीएम पानी मिलेगा. केन नदी का पानी बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा. वहीं, दोनों नदियों को जोड़ने के लिए 221 किमी लंबी केन-बेतवा लिंक नहर बनाई जाएगी. अब 18 साल बाद यह योजना कागज से जमीन पर उतर रही है. केंद्र सरकार ने 2023-24 के बजट में मध्य प्रदेश के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.


केन-बेतवा नदी परियोजना की लागत
केन-बेतवा नदी परियोजना की लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है. इसमें 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी. वहीं, राज्य सरकारें 5-5 फीसदी रकम देंगी. इस परियोजना के पूरा होने पर मध्य प्रदेश में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी और 41 लाख लोगों को आसानी से पीने का पानी मिल सकेगा. इससे उत्तर प्रदेश को 2 लाख 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की सुविधा भी मिलेगी. इस परियोजना के पूरा होने पर 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी उत्पन्न किया जा सकेगा.


मध्य प्रदेश में केन-बेतवा परियोजना से छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जिलों को फायदा होगा. वहीं, उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा, झांसी और ललितपुर जिलों को फायदा होगा. आपको बता दें कि इस परियोजना के पूरा होने से सिंचाई और पेयजल सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इससे क्षेत्र में पलायन की समस्या पर भी रोक लग सकेगा.