प्रोफेसर मां की हुई थी हत्या! तीन बेटियों ने 40 दिन में जुटाए सबूत, पुलिस को सौंपी हर एक चीज
जो काम पुलिस को करना था. वो काम इस इंदौर की एक बेटी ने किया है. मां की मौत के बाद उसने वो तमाम सबूत जुटाए. जो चीख चीख कर कह रहे हैं कि उसकी मां की मौत सामान्य नहीं है. बल्कि उस साजिश के तहत मारा गया है.
अमित श्रीवास्तव/इंदौर: इंदौर में रहने वाली एक बहादुर बेटी की कहानी जान आप भी हैरान हो जाएंगे. इस बेटी ने अपनी छोटी बहनों को ना सिर्फ मां का प्यार दिया बल्कि अपने पिता के खिलाफ आवाज भी उठाई. बेटी का कहना है कि उसकी मां की मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि उसे मारा गया है. हत्यारा कोई और नहीं उसी का पिता है. जो कई सालों से मां को प्रताड़ित कर रहा था. जिसके खिलाफ उसने 40 दिन में 700 किमी तय कर सारे सबूत भी इकट्ठे किये है.
आपको बता दें कि जो काम पुलिस को करना था. वो काम इस बहादुर बेटी ने किया है. मां की मौत के बाद उसने वो तमाम सबूत जुटाए. जो चीख चीख कर कह रहे हैं कि उसकी मां की मौत सामान्य नहीं है. बल्कि उस साजिश के तहत मारा गया है. बता दें कि महिला ने मौत से 5 महीने पहले अपनी जान को खतरा बताते हुए थाने में आवेदन भी दिया था लेकिन सवाल ये है कि पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्योंकि अगर कार्रवाई की गई होती तो शायद महिला की जान बच सकती थी.
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मां को प्रताड़ित करते थे पिता
ये सनसनीखेज मामला इंदौर की मां विहार कॉलोनी का है. जहां मां गौरी सोलंकी के साथ उनकी दो बेटियां रहती थी. बड़ी बेटी 20 साल की निकिता सोलंकी दिल्ली में UPSC की तैयारी कर रही है. निकिता की दो छोटी बहनें है. एक दसवीं और सबसे छोटी बहन तीसरी कक्षा में है. पिता विजय सोलंकी आलीराजपुर में महिला सशक्तिकरण अधिकारी थे. लेकिन घोटाले में नाम आने के बाद विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर ग्वालियर मुख्यालय अटैच कर दिया. दोनों छोटी बेटियों के साथ महिला प्रोफेसर इंदौर में घर पर रहती थी. बेटियों से मिलने के बहाने विजय अक्सर इंदौर वाले घर आ जाते थे. और मां को प्रताड़ित किया करते थे. इस बात का उसके पास सबूत भी है.
शार्ट पीएम में निकला जहर
बड़ी बेटी निकिता ने बताया कि शादी से पहले मां टीचर थी और पापा बेरोजगार थे. मां की मदद से वे अधिकारी बने. बेटा नहीं होने से वह मां को ताने देते थे और कई बार मां के साथ मारपीट करते भी करते थे. संस्कृत कॉलेज में प्रोफेसर गौरी सोलंकी अपने पति विजय सोलंकी की प्रताड़ना से परेशान रहती थी. अचानक 18 सितंबर को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. जब मौत खबर सुनकर दिल्ली से उसकी बड़ी बेटी इंदौर पहुंची. हार्ट अटैक से मौत की बात उसके गले नहीं उतर रही थी. उसने जिद करके मां का शॉट पीएम कराया. क्योंकि उसे शक था कि कहीं उसके ही पिता ने उसकी मां को मौत के घाट तो नहीं उतार दिया. बस यही शक उसके जहन में दौड़ रहा था. उसके बाद जब शॉट पीएम की रिपोर्ट आई तो उस रिपोर्ट में उनके शरीर मे जहर जैसी भी बात सामने आई और उसका शक यकीन में बदल गया. फिर क्या था बेटी ने अपने पिता को ही सलाखों के पीछे पहुंचाने का निर्णय ले लिया. बेटी निकिता ने अपनी दोनों छोटी बहन के साथ मिलकर 40 दिन में 700 किमी की यात्रा कर सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिए.
मोबाइल में हुआ खुलासा
निकिता ने शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के बाद इंटरनेट पर ऐसी घटनाओं की जांच के तरीके समझे और जरूरी सबूत की सूची बनाई. मां के फोन का सारा डाटा डिलीट मिला. इसके बाद इंटरनेट पर मोबाइल डाटा रिकवर करने के वीडियो देखें. जिन साइबर एक्सपर्ट के नंबर मौजूद थे, उनकी मदद ली. आखिरकार 6 हजार फाइलें मिलीं. एक वीडियो में पिता अंधेरी छत से मां पर गमला फेंकने की कोशिश करते दिखे.
बाथरुम में मिले उल्टी के दाग वाले कपड़े
बेटियों का कहना है कि तबीयत खराब होने के बाद मां को उल्टियां हुई थीं. गाड़ी और कपड़े उल्टी के कारण गंदे भी हुए, लेकिन उन्हें धो दिया गया. अस्पताल में कपड़े तलाशे तो पता चला कि घर वालों को कपड़े दे दिए गए. इसके बाद घर में तलाश की. बाथरुम के एक कोने में उल्टी के दाग वाले कपड़े मिल गए, जिन्हें जांच के लिए पुलिस को सौंपा दिया है.
खुद को हुआ मौत का अंदेशा!
महिला गौरी सोलंकी ने खुद के साथ कुछ अनहोनी होने की आशंका पहले ही जता दी थी. इस संबंध में उन्होंने राजेंद्र नगर थाने में दिए आवेदन भी दिया था. महिला प्रोफेसर ने आवेदन में लिखा था कि पति विजय सिंह सोलंकी कई वर्षों से मुझे मारने की कोशिश कर रहा है. कई बार समझौते हुए. कई बार थाने में रिपोर्ट हुई. मैं वर्तमान में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर रामबाग में पदस्थ हूं. इसके पहले जिला झाबुआ में पदस्थ थी. विजय सोलंकी खूंखार गुंडा है. 22 अगस्त 2017 और 8 नवंबर 2017 को आलीराजपुर जिले में एक्सीडेंट करवा चुका है. कई बार चाकू-दराती, फालिया और लात-घूंसे से मारता है. मैं इनसे अलग रह रही हूं, लेकिन सस्पेंड होकर बेटियों के बहाने से मेरे घर में रहने आ गया है. बेटियों को जान से मारने और इज्जत खराब करने की धमकी देता है.
इसका इतना खौफ है कि गांव वाले, परिवार वाले, रिश्तेदार सब डरते हैं. वह खुद कहता है कि मैंने कई लोगों को जान से मारा है. तू तो एक औरत है, तेरी क्या औकात, तू तो एक बार में मर जाएगी. परिवारवालों के समझाने पर मैं इसके साथ रहने को मजबूर हूं. आज भी धमकी दी कि पेट्रोल डाल कर जला दूंगा. अंदर घर में जल जाएगी. खाने में जहर मिला दूंगा. तू बेटा पैदा नहीं कर सकती.
ममता भंवर का भी फोन आया था. मैं उसे नहीं जानती हूं. उसने परिचय दिया मैं जोबट परियोजना की सुपरवाइजर है. कहती है तेरा मर्डर नहीं होगा तब तक मैं चैन से रहने वाली नहीं हूं. पति विजय भी यही कहता है, तुझे मार कर ही दम लूंगा. महोदय मुझे व मेरी बेटियों को सुरक्षित किया जाए. और पुलिस पर कार्यवाही ना करने का आरोप लगाकर आखिरी मे लिखा था. मुझे और मेरी बेटियों को कुछ होता है तो विजय सिंह सोलंकी जिम्मेदार होगा.