भोपालः इस साल बारिश के मौसम ने मध्य प्रदेश के किसानों के सपनों के साथ बड़ा खेल कर दिया. दरअसल इस साल का शुरुआत से ही अच्छी बारिश होने के चलते किसानों की सोयाबीन की फसल काफी अच्छी हुई थी लेकिन किसानों की यह खुशी अब परेशानी में बदल चुकी है क्योंकि बेमौसम बरसात ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है. दरअसल अब जब सोयाबीन की फसल की कटाई का समय आया तो अब हो रही बारिश ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया है. 


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कई दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते खेत में खड़ी फसल सड़ने के कागार पर आ गई है. हालात ये हैं कि सोयाबीन के दाने या तो काले पड़ गए हैं या फिर पानी की वजह से अंकुरित होने शुरू हो गए हैं. किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें सोयाबीन की फसल से काफी उम्मीदें थीं लेकिन बेमौसम बरसात ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. आगर मालवा जिले की हजारों एकड़ जमीन में सोयाबीन की फसल उगाई जाती है लेकिन अक्टूबर माह में हो रही बरसात ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया है. 


किसान अब बर्बाद फसल को लेकर सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उधर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टरों को बारिश से फसल को हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद जिला कलेक्टरों ने टीमों का गठन शुरू कर दिया है. 


बता दें कि मध्य प्रदेश को सोया प्रदेश के रूप में जाना जाता है. मध्य प्रदेश में 70 के दशक के बाद हुई हरित क्रांति में सोयाबीन की फसल को बड़े पैमाने पर प्रमोट किया गया. देश के कुल सोयाबीन उत्पादन का 52 फीसदी सोयाबीन मध्य प्रदेश में उगाया जाता है. मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और राजस्थान का नंबर आता है. हालांकि खराब मौसम की मार के चलते अब धीरे-धीरे किसान सोयाबीन की फसल की खेती से मुंह मोड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश में इसकी बुवाई में 90 फीसदी से ज्यादा की कमी देखी गई है. इस साल प्रदेश में महज 0.05 लाख हेक्टेयर जमीन पर ही सोयाबीन की बुवाई हुई है. वहीं अब बेमौसम बरसात ने इंदौर, उज्जैन और भोपाल संभाग में बड़े क्षेत्र में सोयाबीन की फसल बर्बाद कर दी है. बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों से बारिश हो रही है और 20 अक्टूबर तक इसके जारी रहने का अनुमान है.