छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए खुशखबरी, ग्लोबल होने जा रही है आपकी अपनी छत्तीसगढ़िया भाषा
छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक खुशखबरी है. अब आपकी अपनी छत्तीसगढ़िया भाषा जल्द ही ग्लोबल होने जा रही है. जिसका फायदा छत्तीसगढ़ के लोगों को मिलेगा. यानि आपकी अपनी छत्तीसगढ़िया की कमांड गूगल और एलेक्सा पर मिलेगी.
रजनी ठाकुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ Chhattisgarh को जल्द ही एक और बड़ी उपलब्धि मिलने वाली है. क्योंकि अब छत्तीसगढ़िया भाषा chhattisgarhi language अब जल्द ही ग्लोबल global होने वाली है. ऐसा इसलिए कि अब अब गूगल और एलेक्सा google and alexa को भी छत्तीसगढ़ी में कमांड command मिलेगी. यानि जल्द ही अब यहां छत्तीसगढ़िया भाषा में भी कमांड दे सकते हैं और गूगल और एलेक्सा में भी छत्तीसगढ़ी भाषा की आवाज सुनने को मिलेगी. क्योंकि भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु Indian Institute of Science Bangalore में जिन भारतीय भाषाओं को डिजिटल digital ने करने जा रहा है उनमें छत्तीसगढ़िया भाषा भी शामिल है.
दरअसल, भारतीय विज्ञान संस्थान देश की 9 भाषाओं को डिजिटल कर रहा है. जिसमें छत्तीसगढ़ी को भी चुना गया है, छत्तीसगढ़ी के अलावा बंगाली, हिंदी, भोजपुरी, मगधी, मैथिली, मराठी, तेलगु और कन्नड़ भी शामिल है. यानि आप इन भाषाओं में भी गूगल और एलेक्सा में कमांड दे सकते हैं.
11 हजार घंटे की होगी रिकॉर्डिंग
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़िया भाषा को डिजिटल करने की प्रक्रिया में 11 हजार घंटे की छत्तीसगढ़ी वॉइस रिकॉर्डिंग करायी जा रही है. भारतीय विज्ञान संस्थान के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत कुमार घोष की अगुवाई में एक रिसर्च ग्रुप 9 भाषाओं में वॉइस कमांड के जरिए लोगों तक सूचना पहुंचाने के आर्टिफिशियल इंडेलिजेंस पर आधारित तकनीक विकसित कर रहा है.
यह रिकॉर्डिंग पूरी होते ही छत्तीसगढ़ के लोगों को उनकी राजभाषा छत्तीसगढ़िया आसानी से इंटरनेट पर मिल जाएगी और वह इस पर कमाडिंग तरीके से काम कर लेंगे. छत्तीसगढ़ के लोगों को इटरनेट पर कोई भी जानकारी वॉइस कमांड के जरिए आसानी से मिल जाएगी.
क्या होगा फायदा
दरअसल, छत्तीसगढ़िया भाषा के ग्लोबल होने से सबसे ज्यादा फायदा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को होगी. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी अंग्रेजी पर लोगों की कमांड ठीक नहीं है. ऐसे में अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग इंटरनेट पर सीधे वाइस कमाडिंग यानि बोलकर अपनी जानकारी जुटा लेंगे. जहां गांव में रहने वाले लोगों को कई सरकारी और खेती किसानी के साथ-साथ रोजमर्रा के कामों से जुड़ी जानकारी भी आसानी से मिल जाएगी.