Morena Lok Sabha Seat: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की विसात बिछा दी है. मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर पार्टी जातिगत और सामाजिक सभी रणनीतियों को साधने में जुटी है. खास बात यह है कि जिस सीट पर जिस तरह के समीकरण नजर आ रहे हैं. ग्वालियर-चंबल में आने वाली चारों लोकसभा सीटों पर भी बीजेपी का खास फोकस है, जिसमें मुरैना सीट भी अहम है. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को मुरैना पहुंचकर बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक करके चुनावी तैयारियों का जायजा लिया. इसके अलावा वह मुरैना के करहधाम आश्रम भी पहुंचे. राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का यह दौरा अहम माना जा रहा है. 


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सीएम भजनलाल शर्मा का यह दौरा भले ही समाजिक है, लेकिन इसके कई सियासी मायने भी हैं, क्योंकि मुरैना लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है, जहां ब्राह्मण वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं, ऐसे में बीजेपी इस वर्ग को अपने साथ जोड़े रखना चाहती है, जिसमें भजनलाल शर्मा की सबसे अहम भूमिका है. खास बात यह है कि मुरैना जिले की सीमा राजस्थान से लगती है, ऐसे में बीजेपी समाजिक के साथ-साथ क्षेत्रीय समीकरण भी साधने में जुटी है. 


ब्राह्मण समाज के साथ करेंगे बैठक 


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुरैना में ब्राह्मण समाज के साथ बैठक भी की है, जिसमें ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. खास बात यह है कि मुरैना लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी ब्राह्मण प्रत्याशी पर भी दांव लगा सकती है. ऐसे में यह बैठक अहम मानी गई है, क्योंकि पहले भी इस सीट से बीजेपी ब्राह्मण उम्मीदवारों पर दांव लगाती रही है. 2014 में पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा यहां से सांसद चुने गए थे. माना जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा समाज के लोगों से विचार-विमर्श करके इस मुद्दे पर आगे की योजना बना सकते हैं. 


मुरैना में ब्राह्मण वोटर्स अहम 


दरअसल, मुरैना लोकसभा सीट पर करीब 1 लाख, 80 हजार से भी ज्यादा ब्राह्मण वोटर्स हैं, जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा वोटर्स मुरैना तो बाकि के श्योपुर जिले में आते हैं. मुरैना लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. यही वजह है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने करहधाम आश्रम पहुंचकर न केवल ब्राह्मण बल्कि गुर्जर समाज को भी साधने की कोशिश की है. क्योंकि करहधाम गुर्जर समाज में बेहद अहम माना जाता है. यही वजह है कि बीजेपी ने यहां राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा को मोर्चे पर उतारा है. मुरैना जिला ब्राह्मणों का गढ़ माना जाता है, जिले की जौरा, संबलगढ के साथ-साथ दिमनी विधानसभा सीट ब्राह्मण बहुल है. 


राहुल की यात्रा से पहले बीजेपी सक्रिए 


मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी 1996 से लगातार जीत हासिल करती आ रही है. लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी को परेशान करते दिख रहे हैं, क्योंकि मुरैना संसदीय क्षेत्र की 8 में से पांच विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है, केवल 3 सीटों पर ही बीजेपी को जीत मिली है. ऐसे में बीजेपी ने चुनाव से पहले ही यहां तैयारियां शुरू कर दी हैं. खास बात यह है कि 2019 में नरेंद्र सिंह तोमर यहां से चुनाव जीते थे, जो बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार थे. लेकिन तोमर अब विधानसभा का चुनाव जीतकर विधानसभा अध्यक्ष बन चुके हैं. ऐसे में बीजेपी यहां मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है. 


वहीं कांग्रेस भी यहां पूरी तरह से सक्रिए है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 2 मार्च को मुरैना से ही मध्य प्रदेश में एंट्री करने वाली है. ऐसे में बीजेपी ने राहुल की यात्रा से पहले ही सीएम भजनलाल शर्मा के जरिए मुरैना की सियासी विसात पर खुद को मजबूत करना शुरू कर दिया है. 


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