अनिल नागर/राजगढ़: मजबूरी और बेबसी इंसान को कहा ला देती है इसकी तस्वीर मध्य प्रदेश के रायगढ़ से सामने आई है. यहां एक महिला बच्चों का पेट भरने के लिए खुद किसी बैल की तरह बैलगाड़ी खींचती नजर आई. बताया जा रहा है कि महिला 4 बच्चों की विधवा मां है. रास्ते में उसे कुछ लोगों ने सहारा दिया और उसका सफर पूरा कराया.


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बेबसी और बदहाली की तस्वीर
बेबसी और बदहाली की एक ऐसी मार्मिक तस्वीर राजगढ़ जिले के पचोर से निकलकर सामने आई है. महिला लक्ष्मी बाई बैलगाड़ी पर अपने घर के सामान के साथ मासूम बच्ची को बिठाकर हाथों से खीचते हुए 30 किलोमीटर का सफर पूरा निकली थी. रास्ते में उसे कुछ बाइक सवारों ने सहायता दे दी.


पति की मृत्यु हो गई है
महिला ने बताया कि जब से उनके पति की मृत्यु हुई है तब से यही हाल है. मुश्किल से एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता है ना रहने के लिए घर है ना कोई साधन कोई मदद करने के लिए आगे भी नहीं आता. ऐसे में उनका गुजारा ऐसे ही चलता है. वह काफी मुश्किलों का सामना कर रही है. वो मुश्किल से 24 घंटे में 1 बार का खाना खा पाती है. उसके पास में रहने के लिए अपना कोई भी घर नहीं है न ही किसी ने अब तक उसकी कोई भी मदद की है.


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नहीं है पेट भरने का साधन और घर
महिला गरीबी से इतनी मजबूर है की उसके पास दो वक्त का खाने के लिए भोजन भी नहीं है और न ही आने जाने के लिए कोई साधन व रुपये. जब महिला अपनी बेटी को साथ लेकर पचोर से सारंगपुर की ओर बैलगाड़ी हाथों से खीचते हुई दिखाई दी तो हर किसी का दिल पसीज गया.


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राहगीरों ने दी मदद
गाड़ी को पैदल ही खींचकर जब महिला ने 15 किलोमीटर का सफर तय कर लिया तब दो राहगीरों की नजर उन पर पड़ी. उन्होंने मदद करते हुए अपनी मोटरसाइकिल से गाड़ी को बांधकर सारंगपुर तक पहुंचया.