अजय दुबे/जबलपुरः सामाजिक समरसता के परिप्रेक्ष्य में श्री राम का समरस एवं समर्थ भारत कार्यक्रम में शामिल होने जबलपुर पहुंचे थे. जहां तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य (Jagatguru Swami Rambhadracharya) महाराज ने व्याख्यान के दौरान वर्तमान राजनीति (Politics) पर तीखे हमले किए हैं. भगवान श्री राम के राम राज्य के कई उदाहरण देते हुए उन्होंने सरकारों और नेताओं को नसीहतें दी. उन्होंने भारत देश को सदियों से अखंड बताया. साथ ही आजादी के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए भारत को विखंडित करने का बयान दिया.


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आरक्षण को लेकर कही ये बात
जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भारत देश को सदियों से अखंड बताया. साथ ही आजादी के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए भारत को विखंडित करने का बयान दिया. उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान जातिवाद पर कटाक्ष करते हुए इब्राहिम लिंकन के वाक्य को दोहराया. जातिगत राजनीति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने आरक्षण को सनातनी संस्कृति के विरुद्ध करार दिया. स्वामी रामभद्राचार्य ने नेताओं और अफसरों की वीआईपी सुविधाओं पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि भगवान राम के राज्य में कोई वीआईपी नहीं होता था. बल्कि पशुओं के साथ भी समरसता का व्यवहार किया जाता था. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही वीआईपी सुविधाएं बंद कर दी. लेकिन नेताओं और अधिकारियों के सिर से वीआईपी होने का भूत उतरा नहीं है.


 370 और 35 A को लेकर कही ये बात
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के फैसले में लगे समय को लेकर भी स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि सन 1949 में आजादी के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट में केस लगाया गया. लेकिन 70 साल बाद 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर निर्माण का फैसला आया. व्याख्यान के दौरान लगातार सरकारों की नीतियों को कटघरे में खड़े करते हुए उन्होंने धारा 370 और 35 ए हटाने के लिए मोदी सरकार की सराहना की. इसके साथ ही देश को अखंड भारत बनाने के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने, रामचरित मानस को राष्ट्र ग्रंथ एवं गौ माता को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की.


नेताओं को दी नसीहत
सामाजिक समरसता कार्यक्रम आयोजन के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब चुनाव आते हैं. तब नेताओं को समरसता दिखती है. चुनाव आते हैं तब नई नई योजनाएं बनती हैं और शिलान्यास होते हैं. वरना 4 साल तक नेता आराम करते हैं. कई बार जब नेताओं से कोई मिलने जाता है तो उनके कर्मचारी साहब को व्यस्त बता देते हैं, तो कभी कह देते हैं कि साहब भोजन कर रहे हैं, भाई साहब आराम कर रहे हैं. स्वामी रामभद्राचार्य ने नेताओं को सेवक बनने की नसीहत दी है. गोल बाजार मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने करीब डेढ़ घंटे तक रामचरितमानस और भगवान श्री राम के राम राज्य के कई उदाहरण पेश किए करते हुए सरकारों को अखंड भारत और रामराज्य स्थापित करने के रास्ते सुझाए.


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