Ranji Trophy Final 2022: रणजी में MP की जीत के ये हैं 3 सबसे बड़े हीरो
मध्यप्रदेश रणजी टीम में इतिहास रचते हुए 41 बार की विजेता मुंबई को विकेट से हरा दिया है. 3 `मैन ऑफ द मैच` अवॉर्ड जीतने वाले एमपी के शुभम शर्मा ने टूर्नामेंट में 4 शतक जड़े, वह टॉप स्कोरर में पांचवें नंबर पर रहे. उन्हें फाइनल में भी मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया.
नई दिल्ली: 88 साल के रणजी ट्रॉफी इतिहास में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Ranji Trophy Champion) ने पहली बार चैम्पियन बनकर इतिहास रच दिया. MP ने 41 बार के चैम्पियन मुंबई को 6 विकेट से हराया. टीम ने लीग स्टेज के 3 में से 2 मैच जीते, एक मुकाबला ड्रॉ रहा. नॉकआउट स्टेज में भी टीम ने तीनों मैच जीते. एमपी की जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है. सीजन के टॉप-5 रन स्कोरर में एमपी के तीन बल्लेबाज रहे. कुमार कार्तिकेय ने 27 विकेट झटके. वहीं, 18 साल के बल्लेबाज अक्षत रघुवंशी ने निचले क्रम में कई उपयोगी पारियां खेलीं. ऐसे में यहां जानें एमपी ने किस तरह भारत के घरेलू टूर्नामेंट के सबसे लंबे फॉर्मेट का खिताब अपने नाम किया.
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तीनों टॉप बल्लेबाजों ने फाइनल में जड़े शतक
एमपी के रजत पाटीदार ने सीजन में 2 शतक समेत 5 फिफ्टी जड़ीं. मुंबई के सरफराज खान के बाद वह सीजन के टॉप स्कोरर रहे. टॉप स्कोरर में नंबर 4 पर रहे यश दुबे ने केरल के खिलाफ 289 रन की पारी खेली थी. वहीं, 3 'मैन ऑफ द मैच' अवॉर्ड जीतने वाले शुभम शर्मा ने टूर्नामेंट में 4 शतक जड़े. वह पांचवें नंबर पर रहे. उन्हें फाइनल में भी मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया. एमपी के लिए फाइनल में शुभम समेत यश और रजत ने भी सेंचुरी जड़ीं.
रणजी ट्रॉफी 2021-22 के टॉप-5 रन स्कोरर
1. सरफराज खान (मुंबई)- 6 मैच- 982 रन; 4 शतक
2. रजत पाटीदार (एमपी) - 6 मैच- 658 रन; 2 शतक
3. चेतन बिष्ट (नागालैंड)- 4 मैच- 623 रन; 5 शतक
4. यश दुबे (एमपी) - 6 मैच- 614 रन; 2 शतक
5. शुभम शर्मा (एमपी) - 6 मैच- 608 रन; 4 शतक
कुमार कार्तिकेय की फिरकी ने बिखेरा जादू
कुमार कार्तिकेय MP टीम के टॉप गेंदबाज रहे. उन्होंने 6 मैचों में 32 विकेट लिए. इसमें तीन '5-विकेट हॉल' शामिल हैं. मुंबई के शम्स मुलानी टूर्नामेंट के टॉप विकेट टेकर रहे. उन्होंने 6 मैचों में 45 विकेट लिए. एमपी के दूसरे टॉप गेंदबाज गौरव यादव ने टूर्नामेंट में 23 विकेट लिए.
रणजी ट्रॉफी 2021-22 के टॉप-3 विकेट टेकर
1. शम्स मुलानी (मुंबई)- 6 मैच- 45 विकेट
2. कुमार कार्तिकेय (एमपी)- 6 मैच- 32 विकेट
3. शाहबाज नदीम (झारखंड)- 5 मैच- 25 विकेट
यंगस्टर ऑफ द सीजन रहे 18 साल के अक्षत रघुवंशी
गुजरात के खिलाफ पहले मैच में जगह नहीं पा सके 18 साल के अक्षत रघुवंशी एमपी के की-प्लेयर रहे. उन्होंने टूर्नामेंट में 1 शतक और 3 फिफ्टी जड़ीं. निचले क्रम में उतरकर 6 इनिंग में 9, 63, 4, 69, 50 और 100 के स्कोर के साथ 295 रन बनाए. इनमें क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में उनकी फिफ्टी शामिल हैं.
टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश का सफर
मैच 1- गुजरात को 106 रन से हराया
रजत पाटीदार ने दोनों इनिंग्स में फिफ्टी जड़ीं. शुभम शर्मा ने 92 और 103 रन की पारियां खेलीं. शुभम को मैन ऑफ द मैच चुना गया. 195 रन के टारगेट का पीछा कर रही गुजरात 88 पर ऑल आउट हो गई. कुमार कार्तिकेय ने सेकंड इनिंग्स में 5 विकेट लिए. मैच में ईश्वर पांडे ने 7 और गौरव यादव ने भी 6 विकेट लिए.
मैच 2- मेघालय को पारी और 301 रन से हराया
शुभम शर्मा और अक्षत रघुवंशी ने शतक जड़े. मिडिल ऑर्डर में यश और रजत ने 85 और 86 रन बनाए. गौरव ने 7, अनुभव अग्रवाल ने 6 और कार्तिकेय ने 5 विकेट लिए. गौरव-अनुभव ने अलग-अलग 5 विकेट हॉल झटके.
मैच 3- केरल के खिलाफ ड्रॉ खेला
रजत पाटीदार ने शतक जड़ा. यश दुबे ने 289 रन की मैराथन पारी खेली. बता दें, टूर्नामेंट का हाईएस्ट स्कोर बिहार के शकिबुल गनी ने बनाया. उन्होंने मिजोरम के खिलाफ 341 रन की पारी खेली थी. यश का स्कोर इस सीजन का दूसरा हाईएस्ट स्कोर रहा.
क्वार्टर फाइनल- पंजाब को 10 विकेट से हराया
शुभम ने फिर शतक जड़ा. रजत और हिमांशु ने 85 और 89 रन की पारियां खेलीं. 18 साल के अक्षत ने 69 रन बनाए. सेकंड इनिंग्स में कार्तिकेय ने 6 और सारांश जैन ने 4 विकेट झटके.
सेमीफाइनल- बंगाल को 174 रन से हराया
हिमांशु मंत्री ने शतक जड़ा. अक्षत ने 63, रजत ने 79 और कप्तान आदित्य ने 82 बनाए. कार्तिकेय ने मैच में 5-विकेट हॉल समेत कुल 8 विकेट लिए.
फाइनल- 41 बार के चैम्पियन मुंबई को 6 विकेट से हराया.
एमपी के टॉप-3 रन स्कोर शुभम, रजत और यश ने फर्स्ट इनिंग्स में शतक जड़े. मैच में गौरव ने 6, कार्तिकेय ने 5 विकेट झटके. 108 रन का लक्ष्य मध्य प्रदेश ने 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया.
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केवल 6 ही बार फाइनल हारी है मुंबई
88वें बार खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम 47वीं बार फाइनल में पहुंची. अब तक केवल 5 ही बार उन्होंने फाइनल हारा था. मध्य प्रदेश के खिलाफ हार उनकी टूर्नामेंट के इतिहास फाइनल में 6वीं हार है. 2016-17 सीजन में मुंबई ने आखिरी फाइनल खेला था. तब गुजरात ने मुंबई को हराया था. वहीं, 2015-16 के सीजन में मुंबई ने सौराष्ट्र को हराकर 41वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था. मुंबई की टीम सरफराज, यशस्वी, पृथ्वी शॉ और अरमान जाफर जैसे बल्लेबाजों के साथ खेल रही थी. टूर्नामेंट के टॉप विकेट टेकर शम्स मुलानी भी टीम का हिस्सा थे. बावजूद, इसके एमपी ने खिताब जीता. जो दर्शाता है कि मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम की ये जीत उनके संघर्षों और मेहनत का परिणाम है.