संदीप मिश्रा/डिंडौरीः मध्य प्रदेश के डिंडौरी में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है. यह सांप ग्रीन किलबैक प्रजाति का है और विलुप्त प्रजाति में शामिल है. फिलहाल इस सांप को रेस्क्यू कर लिया गया है और सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है. स्नेक कैचर शिवाय मरकाम ने सांप को पकड़ा. अब तक शिवाय मरकाम सैंकड़ों सांपों को रेस्क्यू कर उनकी जान बचा चुके हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है मामला
डिंडौरी के वार्ड 15 स्थित एक घर में हरे रंग का दुर्लभ प्रजाति का सांप दिखाई दिया. जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्नेक कैचर शिवाय मरकाम को बुलाया गया. शिवाय मरकाम ने कड़ी मशक्कत के बाद सांप को पकड़ा. स्नेक कैचन और वाइल्ड लाइफ के जानकार शिवाय मरकाम ने बताया कि हरे रंग वाला यह सांप ग्रीन किलबैक (हरा ढोरिया) है. यह सांप जहरीला नहीं होता है. इसका वैज्ञानिक नाम ट्री मोरिअस जेमियस है. रात के अंधेरे में लोगों ने इस सांप को किंग कोबरा सांप का बच्चा समझ लिया था, जिसके कारण लोग डर गए और जब तक सांप का रेस्क्यू नहीं किया गया, तब तक दहशत में रहे. 


शिवाय मरकाम ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति का यह सांप पहली बार डिंडौरी जिले में देखा गया है. वाइल्ड लाइफ के लिहाज से यह अच्छी बात है. ग्रीन किलबैक सांप हरे-भूरे रंग का होता है और इसकी सतह चमकदार होती है.जिसके चलते यह घास वगैरह में छिपा रहता है. यह बेहद फुर्तीला होता है और पलक झपकते ही गायब हो जाता है. यह सांप कीड़े-मकौड़ों और मेढक आदि का शिकार करता है और शाम होते ही सक्रिय हो जाता है. 


ग्रीन किलबैक सांप एशिया में खासकर भारत में पाया जाता है. भारत में भी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में यह ज्यादा संख्या में पाया जाता है. वहीं सांप पकड़ने वाले शिवाय मरकाम पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम के बेटे हैं और पिछले एक साल से सैंकड़ों सांपों को पकड़कर उनका रेस्क्यू कर चुके हैं. शिवाय मरकाम ने अब सांपों को बचाने के काम को ही अपना जुनून बना लिया है.