अजय मिश्रा/रीवाः हिंदू राष्ट्र अधिवेशन को लेकर शुक्रवार को जगन्नाथ शक्तिपीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी (Shankaracharya Nischalanand Swami of Jagannath Shaktipeeth) रीवा (Rewa) पहुंचे थे. जहां उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत (Rss Chief Mohan Bhagwat) और साईं भक्तों को लेकर बड़ा बयान दिया. इस दौरान  उन्होंने हिंदू राष्ट्र कि परिकल्पना करते हुए तमाम ईशाइयों (Christians) का हिंदू धर्म में स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि रोम देश में स्थित ईशा मसीह की प्रतिमा में वैष्णव का निशान है. ऐसे में तमाम ईसाइयों को हिंदू धर्म की ओर आगे बढ़ना चाहिए, इसके साथ ही निश्चलानंद स्वामी ने साईं भक्तों का हिंदू मठों मे प्रवेश वर्जित करने की बात भी की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

संघ प्रमुख को लेकर कही ये बात
वहीं  जगन्नाथ शक्तिपीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि वर्ण व्यवस्था के आधार पर आज हर तरह के लघु और कुटीर उद्योग शुद्र के हो गए हैं, इसके अलावा स्वामी निश्चलानंद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को लेकर भी बड़ी बात कह दी और कहा कि उनके पास गुरु, गोविंद और ग्रंथ तीनों ही नहीं हैं तथा वह आए मेरे पास कदमों मे बैठ कर सीखें.


साई भक्तों को हिंदू मठों से रखें दूर
दरअसल विगत लंबे समय से धर्म गुरुओं के द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिसके लिए जगन्नाथ शक्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद के द्वारा जगह-जगह पर हिंदू राष्ट्र अधिवेशन किया जा रहा है. जिसके माध्यम से हिंदुओं को जागृत कर दिल्ली में हुंकार भरी जा सके. इसी क्रम में आज स्वामी निश्चलानंद रीवा पहुंचे जहां पर उन्होंने हिंदू राष्ट्र अधिवेशन के दौरान ईसाइयों को हिंदू धर्म में स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि रोम देश में ईसा मसीह की प्रतिमा है, जिसमें वैष्णव का निशान है और इस वैष्णव के निशान को देखकर ईसाइयों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह हिंदुओं का निशान है तथा सभी ईसाई इसे देखकर हिंदू बन जाएं. इसके अलावा स्वामी निश्चलानंद ने साईं भक्तों को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि साईं किसी भी प्रकार के भगवान नहीं हैं तथा जो साईं भक्त हैं, वह हिंदू मठों और मंदिरों से दूरी रखें तथा उनका प्रवेश हिंदू मठों में वर्जित होना चाहिए.


ये भी पढ़ेंः CM शिवराज ने खरगोन में लगाई घोषणाओं की झड़ी, महेश्वर में बनेगा अहिल्या लोक