नई द‍िल्‍ली: मध्‍य प्रदेश में नगरीय न‍िकाय चुनावों में रीवा नगर न‍िगम में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी अजय मिश्रा को जीत म‍िली है. उन्‍होंने 10, 278 वोटों से चुनाव जीता है. कांग्रेस के अजय म‍िश्रा शुरू से ही न‍िकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के प्रबोध व्‍यास से आगे चल रहे थे. आख‍िर में कांग्रेस ने यहां पर जीत हास‍िल की. इससे पहले यहां बीजेपी का मेयर था.  


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कांग्रेस को 10, 278 वोटों से म‍िली जीत 


रीवा महापौर पद के लिए 13वें और अंतिम चरण की गिनती पूरी हुई तो कांग्रेस से मेयर प्रत्‍याशी अजय मिश्रा बाबा को 47, 987 वोट म‍िले. बीजेपी से मेयर प्रत्‍याशी प्रबोध व्यास को कुल 37,709 वोट म‍िले. कांग्रेस को 10, 278 वोटों से जीत हास‍िल हुई. 


रीवा की जीत पर पीसीसी चीफ का ट्वीट  


रीवा की जीत पर पीसीसी चीफ कमलनाथ का ट्वीट करते हुए जनता का आभार जताया. कमलनाथ ने कहा क‍ि यह बदलाव की शुरुआत है. ट्वीट कर लिखा, "विंध्य की पावन धरती पर रीवा नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्री अजय मिश्रा बाबा को शानदार जीत की बहुत-बहुत बधाई.मैं रीवा की सम्मानित जनता का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने कांग्रेस का साथ दिया. विंध्य के भविष्य का साथ दिया और एक नया मध्यप्रदेश बनाने के सपने का साथ दिया.यह बदलाव की शुरुआत है. जय मध्य प्रदेश, जय मध्य प्रदेश की जनता."


 



24 सालों से था बीजेपी का मेयर 


बता दें क‍ि रीवा में मेयर के पर 24 सालों से बीजेपी का कब्‍जा था.  इस बार कांग्रेस ने जमीनी कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी के सामने अच्छी चुनौती पेश की थी. इस वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर हर छोटे-बड़े नेता को रीवा में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री तो चार दिन में दो बार रीवा पहुंचे और भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे.


ऐसा था अजय म‍िश्रा का राजनीत‍िक सफर 


रीवा से कांग्रेस ने अजय मिश्रा बाबा को महापौर पद का उम्मीदवार बनाया. मिश्रा लगातार तीन बार पार्षद रहे है.  2014 में तो अजय मिश्रा ने नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई थी. अजय मिश्रा का मुकाबला भाजपा के प्रबोध व्यास से था, जिनके पास संगठन में लंबे समय तक काम करने  का अनुभव था. भाजपा में छोटे से लेकर बड़े तक कई जिम्मेदारी निभा चुके प्रबोध भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. वे नगर अध्यक्ष से लेकर महामंत्री सहित संगठन के कई पदों पर रह चुके हैं. रीवा में 13 जुलाई को मतदान हुआ और रीवा नगर निगम चुनाव में कुल 62.07 फीसदी लोगों ने मतदान किया. रीवा के महापौर पद के लिए 13 प्रत्याशी थे. 


कुछ इस तरह रहा रीवा में मेयर की सीट का गण‍ित 


रीवा में 1995 में पहली बार नगर निगम के चुनाव हुए. तब पार्षदों ने कांग्रेस के अमीरुल्ला खान को पहला महापौर चुना. वे 1997 तक इस कुर्सी पर रहे. इसके बाद कांग्रेस की सावित्री पांडेय कुछ समय के लिए और फिर कमलजीत सिंह डंग शासन से मनोनीत महापौर रहे थे. 1998 में बीजेपी के राजेंद्र ताम्रकार को पहली बार जनता ने सीधे महापौर चुना. उनके बाद 1999 में आशा सिंह, 2005 में वीरेंद्र गुप्ता, 2010 में शिवेंद्र सिंह पटेल और 2015 में ममता गुप्ता ने महापौर का चुनाव जीता था. यानी 1998 से जनता महापौर चुन रही है और हर बार बीजेपी का ही महापौर बना है. 


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