अतुल अग्रवाल/सागरः मध्य प्रदेश के सागर में ऑपरेशन के बाद एक बच्ची की आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आया है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से ऐसा हुआ है. वहीं मेडिकल कॉलेज के डीन का कहना है कि एनेस्थीसिया के रिएक्शन के चलते ऐसा हुआ है. आरोप है कि डॉक्टर अपनी गलती छिपाने के लिए परिजनों को बच्ची को भोपाल ले जाने के लिए दबाव बना रहे हैं.  


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क्या है मामला
घटना सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की है. जहां एक महीने पहले बंडा निवासी माखन लोधी की 7 साल की बेटी रिया को एक्सीडेंट के बाद बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. यहां बच्ची के पैर में घुटने से जांघ के बीच एक रोड इंप्लांट किया गया था. करीब 9 दिन पहले बच्ची को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बच्ची के पैर में से ऑपरेशन के बाद रॉड को निकाला जाना था. 


सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ऑपरेशन चला लेकिन ऑपरेशन के बाद बच्ची को ऑपरेशन थिएटर से बाहर नहीं लाया गया. दोपहर बाद सीधे बच्ची को PICU में भर्ती कराया गया. परिजनों का कहना है कि बच्ची को जब होश आया तो उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. अब ऑपरेशन को कई दिन बीत गए हैं लेकिन अभी भी बच्ची को आंखों से दिखाई नहीं दे रहा है. बच्ची की मां सविता लोधी का आरोप है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही की है. ये भी आरोप है कि जब अब डॉक्टर अपनी गलती छिपाने के लिए बच्ची को जबरन भोपाल हमीदिया अस्पताल जाने का दबाव बना रहे हैं. 


डीन ने बताई वजह
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरएस वर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला है. उन्होंने बताया कि यह एनेस्थीसिया रिएक्शन का मामला है. जिसके चलते बच्ची को ब्रेन हैमरेज हुआ और उसकी आंखों की रोशनी चली गई. डीन ने कहा कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन से पहले बच्ची को एनेस्थीसिया दिया गया था. ऑपरेशन के बाद बच्ची को अचानक खांसी आई और उसकी सांसें चली गईं. तुरंत डॉक्टरों ने बच्ची को ऑक्सीजन दी और उसे सांस आ गई लेकिन जिस दौरान उसे सांस नहीं आई, उस दौरान ब्रेन में ऑक्सीजन नहीं पहुंचने के चलते ब्रेन हैमरेज हो गया और उससे आंखों का विजन प्रभावित हो गया है. 


डीन ने दावा किया कि कुछ दिन में ही बच्ची की आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी. भोपाल भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि बच्ची को बेहतर इलाज के लिए भोपाल जाने की सलाह दी गई है. उन्होंने ये भी कहा कि उनके सामने पहली बार ऐसा मामला सामने आया है. वहीं बच्ची के परिजनों की मांग है कि जिन डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया है वही बच्ची को पूरी तरह ठीक करें.