कैंसिल ट्रेनों ने गिराए भाव! मंडी में आधे हुए सब्जियों के दाम, जानिए आज के रेट
Sagar News: सागर मालखेड़ी व करौदा स्टेशन के बीच चल रहे दोहरीकरण व नान इंटरलाकिंग के कारण कई ट्रेनों को कैंसिल किया गया है. इसका असर अप सब्जी मंडी में पड़ने लगा है. सब्जियों के दाम तेजी से गिरने लगे हैं.
Sagar News: सागर। मध्य प्रदेश के सागर मालखेड़ी व करौदा स्टेशन के बीच इंटरलाकिंग के कारण कैंसिल हुई ट्रेनों का असर अब सब्जी मंडी में पड़ने लगा है. ट्रेनें रद्द होने के कारण सब्जियों के भाव लगातार गिर रहे हैं. सागर के मंडियो में सब्जी के दाम आधे हो गए हैं. ट्रेन न चलने के कारण किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को भी भारी समस्या के साथ नुकसान का सामने करना पड़ रही है.
23 ट्रेनें की गई हैं निरस्त
सागर मालखेड़ी व करौदा स्टेशन के बीच लाइन दोहरीकरण व नान इंटरलाकिंग का कार्य होने की वजह से बीना-कटनी रूट की 23 ट्रेनें निरस्त हैं. ट्रेनों के निरस्त होने से रेलवे के माध्यम से बाहर जाने वाली सब्जियों की बिक्री थम गई है. इसका असर सब्जी मंडी में साफ देखने को मिल रहा है.
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क्यों गिरने लगे दाम?
स्थिति यह है कि दूरदराज गांव से सब्जी बेचने के लिए आने वाले किसानों को सब्जी के भाव नहीं मिल रहे हैं. इससे उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है. टमाटर, भटा, लौकी, गिलकी सहित अन्य सब्जियों के भाव आधे रह गए हैं. किसानों का कहना है कि कई व्यापारी ट्रेनों के माध्यम से कटनी की ओर दूरदराज सब्जी ले जाते थे, जो बिल्कुल बंद हो गई है. अन्य साधनों से सब्जी भेजने बहुत महंगा पड़ रहा है. इसका असर बाजार में पड़ रहा है.
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फुटकर में नहीं पड़ा कोई खास असर
दुकानदारों के मुताबिक, कुछ दिन पहले तक जो सेम की सब्जी चालीस रुपये प्रति किलोग्राम थोक के भाव से दे रहे थे, उसकी कीमत दस रुपये मिल रही है. इससे सेम की तुड़वाई भी नहीं निकल पा रही है. हालांकि हाथ ठेलों के माध्यम से बिकने वाली सब्जी की बात करें तो इसमें ज्यादा अंतर नहीं आया है.
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फुटकर विक्रेता जो सब्जी मंडी में छह से आठ रुपये प्रति किग्रा खरीद रहे हैं, उसके बाहर गलियों में 20 रुपये तक बेचा जा रहा है. फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि बाहर सब्जी न जाने से कुछ दिन की ही राहत मिली है. इसके बाद ट्रेनें चालू होने से फिर वही स्थिति निर्मित होंगी. मंडी में फुटकर में टमाटर चार से छह रुपये किग्रा बिक रहा था. वहीं गलियों में फुटकर विक्रेता इसे 15 से 20 रुपये के हिसाब से ही बेंच रहे हैं.