अतुल अग्रवाल/सागर: सागर जिले में एंबुलेंस सेवा की पोल खोलती हुई तस्वीर शुक्रवार को उस समय सामने आई जब एक वृद्ध घायल अवस्था में तड़तपा रहा, लेकिन कॉल किए जाने के करीब एक घंटे तक एंबलेंस नहीं पहुंची. इस बीच घायल वृद्ध अचेत अवस्था में पड़ा रहा. जब तक एंबुलेंस पहुंची उसकी सांसें उखड़ चुकी थीं. एंबुलेंस के साथ पहुंचे डॉक्टर ने उसकी नब्ज व आंखें देखी और उसे जिला अस्पताल लेकर आए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया.


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हालांकि वृद्ध की पहचान नहीं हो पाई है. पीली कोठी के सामने दुकान चलाने वाले लोगों का कहना है कि वृद्ध पांच से छह दिन से ट्रैफिक पुलिस के बूथ पर ही बैठ रहा. हम लोग उसे खाने-पीने का सामान व पानी दे रहे थे. शुक्रवार को जब हम नमाज अदा करने गए तब वह बूथ पर ही बैठा था, लेकिन जब वापस आए तो बूथ के किनारे घायल अवस्था में पड़ा था. उसके हाथ, पैर सहित अन्य हिस्से में जख्म के निशान थे. 


एंबुलेंस नहीं पहुंची, हो गई मौत
 इसके बाद हमने तत्काल एंबुलेंस को कॉल किया गया, लेकिन एंबुलेंस करीब एक घंटे तक नहीं पहुंची. लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल से पीली कोठी की दूरी केवल दो से ढाई किमी होगी. इस बीच हमने कई कॉल किया, लेकिन उन्हें बताया गया की एंबुलेंस निकल चुकी है. वह पहुंचने वाली है. लेकिन वो समय पर नहीं पहुंची. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जब तक एंबुलेंस मौके पर पहुंची तब तक वृद्ध मृत हो चुका था. 


एंबुलेंस आती तो बच जाती जान
वहीं बुजुर्ग की मौत के बाद लोगों का गुस्सा साफ देखने को मिला. उन्होंने एंबुलेंस सेवा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि समय से स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो जाती तो वृद्ध की जान बच सकती थी. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मीडिया से बात करने के लिए तैयार नहीं है.