salkanpur vijayasan devi mandir theft case: सीहोर। सलकनपुर विजयासन देवी मंदिर मे चोरी मामले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें 2 नकाबपोश चोर अपने कंधे पर नोटों से भरी बोरियां ले जाते दिख रहे हैं. पुलिस CCTV VIDEO के आधार पर चोरों को तलाश रही है. सलकनपुर मां विजयासन देवी धाम में सोमवार रात को नोटों से भरी बोरियां चोरी हुई थी. मामले में ड्यूटी में लापरवाही के चलते 5 पुलिस कर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है और चोरों के खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है.


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होने लगी है राजनीति
मामले में राजनीति भी गरमा गई है. कांग्रेस ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाएं हैं. कांग्रेस नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री राजकुमार पटेल के नेतृत्व में एक टीम ने पुलिस चौकी पर एसडीएम के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा और मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने उचित कार्रवाई नहीं होने पर विशाल प्रदर्शन की की चेतावनी दी है.


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कांग्रेस नेता ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिर की चोरी लाखों में नहीं करोड़ों में हुई है. इसके लिए उन्होंने मंदिर प्रबंधक बट ट्रस्ट समिति को जिम्मेदार बताया. राजकुमार पटेल ने कहा कि जब मंदिर की दान पेटी खुले 15 दिन हो गए तो पैसों की गिनती क्यों नहीं हो पाए. इस तरह की लापरवाही से ट्रस्ट पर सवाल जरूर खड़े होते हैं.


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सोमवार रात को हुई थी चोरी
बता दें चोरी की वारदात सोमवार रात करीब 2 बजे हुई था, जिसका पता अगली सुबह 4 बजे चला जब पुजारी मंदिर में पहुंचे. मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच चारों ने सेंध लगता हुए नकाबपोश बदमाशों ने स्ट्रॉन्ग रूम का ताला तोड़ा और नोटों से भरी 6 बोरियां लेकर भाग निकले. हालांकि मंदिर परिसर में ही दो बोरियां मिल गईं थी. मंदिर समिति के अनुमान के मुताबिक करीब 10 लाख रुपए के माल की चोरी हुई है.


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400 साल पुराने मंदिर में है 52 वां शक्तिपीठ
सीहोर के सलकनपुर में बना विजयासन देवी मंदिर करीब 400 साल पुराना है. इसे भक्त 52वां शक्तीपीठ भी कहते हैं. इसी कारण यहां भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और करोड़ों का चढ़ावा चढ़ाते हैं. मान्यता है कि माता शक्ति महिषासुर मर्दिनि के अवतार में रक्तबीज नाम के राक्षण का वध करने के बाद जन कल्याण के लिए इसी स्थान पर बैठकर तपस्या की थी. उस दौरान वो विजयी मुद्रा में थी, इसी कारण मंदिर का नाम विजयासन देवी पड़ा है.