संजय लोहानी/सतना। मध्य प्रदेश  madhya pradesh में नगरीय निकाय चुनाव पूरे होने के बाद अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद की प्रक्रिया चल रही है. सतना satna जिले के चित्रकूट में मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की नगर पंचायत अध्यक्ष बना है. चित्रकूट के वार्ड नंबर 14 से पार्षद का चुनाव जीतने वाली बीजेपी BJP की साधना पटेल जिनकी उम्र महज 22 साल है वह चित्रकूट नगर पंचायत chitrakoot nagar panchayat की अध्यक्ष चुनी गई हैं. उन्होंने प्रदेश में सबसे कम उम्र की नगर परिषद अध्यक्ष बनने का खिताब अपने नाम किया है. 


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कांग्रेस के किले में बीजेपी की सेंध 
चित्रकूट नगर पंचायत को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. वर्तमान में यहां से कांग्रेस के विधायक हैं. लेकिन बीजेपी ने नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी करते हुए अपना अध्यक्ष बनाया है. खास बात यह है कि यहां बीजेपी ने सबसे कम उम्र की पार्षद साधना पटेल को अपना अध्यक्ष बनाया है, जिसके बाद इस उपलब्धि के बाद भाजपा खेमे में जमकर उत्साह है। वहीं हर बड़ा भाजपा नेता साधना पटेल को इस उपलब्धि पर बधाई दे रहा है. 


साधना की राजनीति में हैं दिलचस्पी 
 चित्रकूट नगर पंचायत की बनने वाली अध्यक्ष साधना पटेल B.Ed की छात्रा है, वो महज 22 साल की हैं और चित्रकूट स्थित महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से ही पढ़ाई कर रही हैं. साधना वॉर्ड क्रमांक 14 चौबेपुर से पार्षद का चुनाव जीती है. भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए साधना को अपना उम्मीदवार बनाया था, जहां चुनाव में साधना को 9 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस की चुन्नी यादव को 6 वोट मिले. इस तरह 3 वोटों से बीजेपी की साधना पटेल विजयी हुई. जबकि उपाध्यक्ष के निर्वाचन में भाजपा के आशीष शर्मा ने कांग्रेस के रविमाला को 5 वोटों से हरा दिया. आशीष को 10 और रविमाला को 5 वोट ही मिले थे. 


चित्रकूट को पर्यटन स्थल बनाऊंगी
अध्यक्ष बनने का बाद साधना पटेल ने कहा कि वह नगरवासियों को आभार व्यक्त करना चाहती हूं और जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाया है उनकी मैं सेवा करूंगी. जो योजनााएं हैं उनका लाभ दिलाऊंगी, चित्रकूट को पर्यटन स्थल बनाऊंगी. साधना ने कहा कि चित्रकूट में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं, इसलिए वह चित्रकूट के पर्यटन के लिए बेहतर काम करने की पूरी कोशिश करेगी. 


खास बात यह है कि साधना पटेल का कोई राजनीतिक बेग्राउंट नहीं है, वह एक किसान परिवार से आती है. साधना का परिवार एक साधारण किसान परिवार है, उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति राजनीति में नहीं है. उन्होंने बताया कि वे चुनाव की चर्चा सुनतीं रहतीं थीं, इसलिए उनकी भी राजनीति में दिलचस्पी थी. ऐसे मे उन्होंने अपने परिजनों की सहमति के बाद बीजेपी से टिकट मांगा और टिकट मिलने के बाद पार्षद पद का नामांकन दाखिल किया, जहां चुनाव में जनता ने अपना आशीर्वाद दिया. इसलिए वह अब जनता के लिए काम करेगी. 


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