Sawan Month Puja Vidhi 2022: सावन के पावन महीने की शुरुआत हो गई है. इस समय सभी शिवालयों में शिव भक्तों की लंबी-लंबी कतार देखने को मिल रही है. शिव भक्त शिवजी को जलाभिषेक करने के साथ उनको प्रसन्न करने के लिए भांग, धतूरा, बेलपत्र और तरह-तरह के फूल चढ़ाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ फूल ऐसे हैं जिसे जाने अनजाने में भी यदि आप शिवलिंग पर चढ़ा देते हैं तो इससे भगवान शिव खुश होने के बजाय नाराज हो जाएंगे, जिसका आपके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा के दौरान क्या-क्या नहीं चढ़ाना चाहिए. 


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भूल से भी न चढ़ाएं भगवान भोले को ये फूल
भगवान शिव को सफेद रंग के केतकी का फूल नहीं अर्पित करना चाहिए. ये फूल चढ़ाने से भगवान भोले शंकर नाराज हो जाते हैं, जिसका दुष्परिणाम भक्तों को भुगतना पड़ता है. 


जानिए क्यों नहीं चढ़ाया जाता केतकी का फूल
दरअसल शिवपुराण के अनुसार एक बार ब्रम्हाजी और भगवान विष्णु में विवाद हो गया कि दोनों में कौन अधिक बड़े हैं. विवाद का फैसला करने के लिए दोनों लोग भगवान शिव के पास गए. भगवान शिव ने फैसला लेने के लिए अपनी माया से ज्योतिर्लिंग प्रकट किए और ब्रम्हाजी और विष्णु जी से बोले की जो इस शिवलिंग का आदि अंत बता देगा वहीं बड़ा कहलाएगा. दोनों लोग शिवलिंग के आदि अंत का पता लगाने के लिए भगवान विष्णु ऊपर की तरफ और ब्रम्हाजी नीचे की तरफ चल पड़े. लेकिन दोनों में किसी ने इसके आदि अतं का पता नहीं लगा सका. तभी ब्रम्हाजी ने देखा कि केतकी का फूल उनके पीछे-पीछे आ रहा है, ब्रम्हाजी ने उसे बहला-फुसलाकर झुठ बोलने के लिए राजी कर लिए और शिवजी के पास पहुंच गए. ब्रम्हा जी ने कहा कि मैं शिवलिंग कि उत्पत्ति का पता लगा लिया हूं. लेकिन विष्णु जी ने कहा कि मैं इसके अंत का पता नहीं लगा पाया हूं. ब्रम्हा जी ने अपने झूठ को सच साबित करने के लिए केतकी के फूल से गवाही दिलवाई. लेकिन भगवान शिव जी ब्रम्हा जी के झूठ को जान गए. ब्रम्हाजी के झूठ बोलने से उनके पंचमुख से एक सिर कट गया और ब्रम्हा जी चार मुख वाले हो गए. केतकी के फूल ने ब्रम्हाजी के साथ झूठ बोला था. इसलिए भगवान शिव केतकी के फूल से नाराज हो गए और तब से शंकर जी के पूजा में केतकी का फूल वर्जित कर दिया गया.


भगवान शिव के पूजा में भूलकर भी न करें इन चीजों का प्रयोग


. भगवान शिव की पूजा में कनेर, कमल, केतकी और केवड़े के फूल को नहीं चढ़ाना चाहिए.
. भगवान शिव की पूजा में लाल रंग के पुष्प का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
. शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम या रोली नहीं लगानी चाहिएं.
. भगवान शिव की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
. भगवान शिव को तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न लेखों और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


 


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