Kaal Sarp Dosh Upay: भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन चल रहा है. इस महीने कई प्रमुख त्योहार पड़ते हैं. इन त्योहारों पर शिव परिवार के साथ भगवान शंकर के परम भक्त नाग देवता की पूजा की जाती है. ज्योतिषों की मानें तो जिस जातक के कुंडली में कालसर्प दोष होता है, वे यदि सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा विधि पूर्वक मंत्र उच्चारण के साथ करते हैं तो उनके कुंडली से काल सर्प दोष हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है. इतना ही नहीं इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है. इस बार नाग पंचमी का त्योहार 02 अगस्त को है. आइए जानते हैं कब है नाग पंचमी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त और काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए किस मंत्र से करें नाग देवता की पूजा?


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नाग पंचमी शुभ मुहूर्त 
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का शुभारंभ 02 अगस्त को सुबह  05 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा. इस तिथि का समापन 03 अगस्त सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर होगा. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त के बीच यदि आप नाग देवता की पूजा करते हैं तो यह पूजा कई गुना फलदायी होगी.


काल सर्प दोष मुक्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
जिस जातक की कुडंली में कालसर्प दोष है वो सावन माह के नागपंचमी के दिन किसी प्रसिद्ध मंदिर में भगवान शिव का विधि विधान से रुद्राभिषक करें और सवा लाख बार मंत्र- 'नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय' का जाप करें. इसके बाद 108 बार मंत्र-  'ऊं नागदेवतायै नम:' या 'ऊं नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्' का जाप करें. अब आप शिवलिंग पर सोने के नाग-नागिन अर्पित करें और नाग स्त्रोत का पाठ करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके कुंडली से कालसर्प  समाप्त हो जाएगा और आपको हर कार्यों में सफलता मिलने लगेगी. 


क्या होता है काल सर्प दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी जातक के कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं तो उसे काल सर्प दोष कहा जाता है. ये दोष बहुत अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में काल सर्प दोष रहता है उनके कार्यों में बहुत बांधा आती है और उन्हें सफलता बहुत देर से मिलती है और इन्हें हमेशा मानसिक अशांति झेलनी पड़ती है.


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नाग पंचमी का महत्व
सनातन धर्म में नाग देवता का बहुत महत्व है, क्योंकि नाग भगवान शंकर के गले का आभूषण है तो भगवान विष्णु की शैय्या. इसलिए हिंदू धर्म में नाग देवता की पूजा का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग नाग पंचमी के भगवान शिव की पूजा के साथ नाग देवता की पूजा करते हैं उनके जीवन से कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है और वो अपनी लाइफ में खूब तरक्की करते हैं. नाग पंचमी के दिन लोग गाय के गोबर से अपने घर के दरवाजे पर सांप का चित्र बनाकर नाग देवता की पूजा करते हैं.


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)