MP Asembly Election: MP में BJP के सबसे मजबूत गढ़ में कांग्रेस ने लगा दी थी सेंध, जानिए इस VIP सीट के समीकरण
Vidisha Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की विदिशा (Vidisha Seat Analysis) पर वर्तमान में कांग्रेस कब्जा है. इस बार यहां का क्या समीकरण होगा और इस सीट का क्या इतिहास है यहां जानें.
Vidisha Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election)को लेकर सियासी पारा काफी ज्यादा हाई हो गया है. सत्ता रूढ़ पार्टी भाजपा (BJP) और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) जनता को लुभाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. दोनों पार्टियों की निगाहें प्रदेश की सभी सीटों पर बनी हुई है. प्रदेश की विदिशा सीट (Vidisha Seat Analysis) पर दोनों पार्टियों की नजरे हैं. विदिशा की सीट पर भाजपा का एक छत्र राज था, लेकिन साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर सेंध लगा दी थी और शशांक भार्गव (MLA Shashank Bhargava) विधायक बने थे. इस बार इस सीट का क्या समीकरण है जानते हैं.
भाजपा का रहा है एक छत्र राज
अगर हम विदिशा विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर भाजपा का एक छत्र राज रहा है. यहां पर अभी तक कुल 14 बार विधानसभा चुनाव हुए जिसमें 9 बार ये सीट भाजपा के कब्जे में गई, जबकि 3 बार इस सीट पर कांग्रेस ने बाजी मारी और 1 बार हिंदू महासभा, 1 बार जनसंघ और 1 बार ये सीट जनता पार्टी के खाते में गई थी. यहां पर कुल मतदाता 2 लाख 20 हजार और 274 हैं.
साल 1980 के बाद लगातार 2018 तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा था, लेकिन साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की इस सीट पर सेंधमारी करते हुए बड़ा उलटफेर किया था और कांग्रेस के शशांक भार्गव यहां से विधायक बने थे.
विदिशा का सामाजिक ताना बना
अगर हम विधानसभा की जातीय समीकरण की बात करें तो विदिशा में 44.3 प्रतिशत ओबीसी मतदाता हैं, इसके अलावा 20.7 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. 18 प्रतिशत सवर्ण वोटर हैं. सबसे ज्यादा ओबीसी मतदाता होने की वजह से ये चुनाव में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस सीट की कुर्सी इन्हीं के आस- पास घूमती है. जो भी पार्टी इस वर्ग को साधने में कामयाब हो पाई उसी के हाथ में एक बार फिर ये सीट चली जाएगी. यहां की ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है.
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सीएम शिवराज भी लड़ चुके हैं चुनाव
बता दें कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में सीएम शिवराज ने बुधनी के अलावा विदिशा सीट से भी चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विदिशा से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद यहां से कल्याण सिंह ठाकुर उपचुनाव में विजयी हुए थे, लेकिन 2018 के चुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस के शशांक भार्गव ने बीजेपी के मुकेश टंडन को हराया था.
सीट का इतिहास
विदिशा की ये सीट साल 1957 में अस्तित्व में आई, यहां से पहली बार हीरालाल पिप्पल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से बने, इसके बाद 1962 गोरे लाल हिन्दू महासभा, 1967 एस. सिंह भारतीय जनसंघ, 1972 सूर्य प्रकाश भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, 1977 नरसिंहदास गोयल जनता पार्टी, 1980 मोहर सिंह, ठाकुर भारतीय जनता पार्टी, 1985 मोहर सिंह ठाकुर, 1990 मोहर सिंह ठाकुर, 1993 मोहर सिंह ठाकुर, 1998 सुशीला देवी ठाकुर, 2003 गुरुचरण सिंह, 2008 राघव जी, 2013 शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट बरकरार रखी. 2013 (उपचुनाव) कल्याण सिंह ठाकुर, 2018 शशांक भार्गव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यहां से विधायक चुने गए.