Shahdol News Hindi: मध्य प्रदेश में अक्सर अजीबोगरीब घटनाएं सुनने को मिलती होंगी, जिन्हें जानकर हर कोई हैरान हो जाता है. ताजा मामला शहडोल जिले की एक ग्राम पंचायत के सरपंच रामसिया लखेर का है जिनकी उम्र घट गई है. साल 2015 में उनकी उम्र 60 साल थी और अब 9 साल बाद नेताजी की उम्र घटकर 54 साल हो गई है. इस तरह पिछले कुछ सालों से उनकी उम्र लगातार घट रही है. दरअसल वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन करते समय उन्होंने अपनी उम्र 60 साल बताई थी लेकिन अब दस्तावेजों में उनकी उम्र 54 साल दिख रही है.


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नेता जी की उम्र में अजीबोगरीब कमी
यह पूरी कहानी शहडोल जिले के बहेरिया ग्राम पंचायत के सरपंच रामसिया लखेर की है जो खड़ेह गांव के निवासी हैं. आपको यकीन करना मुश्किल हो सकता है लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक नेताजी जो पहले 60 साल के थे अब धीरे-धीरे 54 साल के हो रहे हैं और जवानी की ओर बढ़ रहे हैं.


घटती उम्र का रहस्य कैसे उजागर हुआ?
बता दें कि गांव के सरपंच रामसिया लखेर का नाम बीपीएल सूची में क्रमांक 28380 पर दर्ज है. उन्होंने करीब 9 साल पहले 2015 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया था, जिसमें उन्होंने अपनी जन्मतिथि 20 जुलाई 1955 बताई थी. इस आधार पर वे 60 साल के बुजुर्ग होने के नाते पेंशन के हकदार हो गए थे. इतना ही नहीं उन्होंने पेंशन के लिए आवेदन में अपना आधार कार्ड क्रमांक और समग्र आईडी का उपयोग किया था उसके मुताबिक भी उनकी उम्र 60 साल थी. इसमें जन्मतिथि 20 जुलाई 1955 दर्ज थी. लेकिन यह जन्मतिथि उनकी वास्तविक जन्मतिथि नहीं थी. उनकी कक्षा 12वीं की अंकसूची में 1 जनवरी 1970 दर्ज है.


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वर्तमान में 54 है नेताजी की उम्र
वर्ष 2015 में नेताजी की उम्र मात्र 45 वर्ष थी लेकिन वर्तमान में उनकी उम्र 54 वर्ष है. इसके बावजूद सरपंच ने अपनी वास्तविक जन्मतिथि छिपाकर आधार कार्ड में गलत जन्मतिथि दर्ज करवा ली और फर्जीवाड़ा करके कई वर्षों तक वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठाता रहे. अब गांव में उनकी साजिश उजागर हो गई है और शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच गई है. जिसके बाद अधिकारियों द्वारा जांच की गई जिसमें ग्रामीणों के आरोप सही पाए गए.इसके बावजूद भी सरपंच के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जानकारी के अनुसार उनके खिलाफ दो बार धारा 40 के तहत कार्रवाई के लिए जनपद पंचायत ब्यौहारी से जिला पंचायत को पत्र भेजा जा चुका है लेकिन जांच रिपोर्ट फाइलों में ही दबकर रह गई है. अब गांव के लोगों ने फिर से सरपंच के खिलाफ संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है और कार्रवाई की मांग की गई है.


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