Bhopal News: भोपाल में नकली नोट बनाने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, बताया जा रहा है कि दोनों ने लाखों रुपए की ठगी की है.
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MP News: भोपाल में फिल्मी अंदाज में नकली नोट बनाने वाला एक गिरोह सक्रिए है, इस गिरोह के दो बदमाशों को भोपाल क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. फिल्म हेराफेरी में जिस तरह से एक का डबल करने के चक्कर में हीरो अपना सबकुछ गवां देता है, कुछ ऐसा ही भोपाल में भी हो रहा था. दरअसल, दो बदमाशों ने एक व्यक्ति से 5.60 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. बताया जा रहा है दोनों ने उसे पैसे डबल और तिगुना करने का लालच दिया था. युवक उनके लालच में आ गया और उसने अपना लाखों रुपए उन्हें दे दिया. जिसके बाद वह फरार हो गए थे. जब युवक को पैसा नहीं मिला तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.
भोपाल के ईंट खेड़ी का मामला
भोपाल में क्राइम ब्रांच डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि बेरसिया रोड ईंट खेड़ी निवासी राजकुमार मेहरा की शिकायत पर दोनों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि कार चालक उस्मान खान राजकुमार मेहरा का परिचित था. 15 दिन पहले उसने राजकुमार को बताया था कि उसके साथी जो विश्वकर्मा नगर में रहते हैं, वह नकली नोट बनाते है और उन्हें मॉर्केट में चलाते हैं. राजकुमार ने उस्मान की बातों में आकर उसे 5.60 लाख रुपए दिए. क्योंकि उसे लालच दिया गया था कि 9.60 लाख रुपए के खर्च में 85 लाख रुपए के नोट तैयार होंगे और फिर उन्हें बाजार में चलाया जाएगा. हालांकि राजकुमार की रिपोर्ट के बाद दो जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है.
15 दिन पहले हुई इस वारदात के बाद रविवार को पुलिस ने आरोपी आरिफ अली उर्फ बाबू निवासी छोला मंदिर और रियाज अली निवासी जनता क्वार्टर निशातपुरा को दबोचा है, पुलिस आरोपी शेरू खान और दूसरे बदमाशों की तलाश में भी जुटी है. पकड़े गए दोनों बदमाशों के पास से पुलिस को नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाली स्याही कांच की प्लेट, केमिकल, कागज के बंडल भी मिले हैं.
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नोट चलाकर भी दिखाए थे
राजकुमार ने बताया कि शेरू खान, रियाज और आरिफ बाबू ने उसे नोट बनाकर भी दिखाए थे. तीनों ने कागज और स्याही की मदद से 100-100 रुपए की सात नोट बनाए थे, जिन्हें सुखाया था. खास बात यह है कि यह सात नोट उसने मार्केट में चलाकर भी दिखाए थे, 200 का पेट्रोल भरवाया था और पांच सौ रुपए का सामान खरीदा था, ऐसे में राजकुमार को भरौसा हो गया और उसने अपना पैसा उन्हें दे दिया.
जब राजकुमार को अपना पैसा नहीं मिला तो उसने मामले की खोज शुरू की. लेकिन तीनों बदमाश जहां रहते थे वहां उसे मिले ही नहीं. जब आरोपियों ने कॉल उठाना बंद कर दिया, तब उसने मामले की शिकायत पुलिस में की और कार्रवाई शुरू हुई. पुलिस ने बताया कि ठगी को अंजाम देने वाले बदमाश ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने इस ठगी को अंजाम दिया है, उससे पुलिस इस मामले की तेजी से पड़ताल कर रही है.
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