पुष्पेंद्र चतुर्वेदी/शहडोल: जिले (Shahdol District) में एक साथ 4 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. एक साथ चार बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मामला शहडोल मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Shahdol Medical College Hospital) का है, जहां बीते 12 घंटे में 4 बच्चों की मौत हो गई है. पीआइसीयू में गंभीर हालत में ही बच्चे आते हैं. इसके लिए जरूरी है कि प्राथमिक उपचार में गंभीरता बरती जाए. चार मौतों में अनूपपुर के बरगवां के आर्यन यादव को पहले से ही सीरियस हालत में भर्ती किया गया था. तीन अन्य बच्चे वेंटीलेटर पर थे. जिन्हें सांस लेने में तकलीफ थी.


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जिला चिकित्सालय में मासूमों की हुई थी मौत 
बता दें कि कुछ साल पहले ही शहडोल जिला चिकित्सालय में मासूमों की मौत हुई थी. जिसके बाद वहां के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन को पद से हटा दिया गया था. जिसके बाद शासन ने मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू व पीआईसीयू को तत्काल चालू करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में यह सेवा शुरू की गई, लेकिन परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.


एसएनसीयू वा पीआईसीयू में नर्सिंग इंचार्ज ड्यूटी पर नहीं रहते हैं. यह भी मामला उस समय प्रकाश में आया था.लोगों ने जानकारी देते हुए अधिकारियों को मौखिक रूप से अवगत कराया था कि यहां इंचार्ज रोहित ड्यूटी पर समय पर नहीं पहुंचते. जिसकी वजह से काफी समस्याएं होती हैं. मौखिक रूप से स्टाफ ने मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. सवाल यह खड़ा होता है कि इतने मासूम जहां भर्ती होते हैं. जहां हर पल नजर मासूमों पर होनी चाहिए और डॉक्टर भी तैनात होने चाहिए, लेकिन यहां तो कुछ और ही मंजर रहता है.जहां नर्सिंग इंचार्ज ही ड्यूटी पर नहीं रहते हैं.