Sharad Purnima 2022 Date And Time: अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन को शरद पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन चांदती रात में लोग खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखतें हैं. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती है. ऐसे में जो लोग इस दिन श्रद्धा भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनके जीवन कभी कोई परेशानी नहीं आती और वो हमेशा खुशहाल रहता है. आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा के दिन कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा और क्या है इसका महत्व?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 09 अक्टूबर की सुबह 03 बजकर 41 मिनट से हो रही है जो अगले दिन यानी 10 अक्टूबर की सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन एक साथ कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक ब्रम्ह मुहूर्त, इसके बाद दोपहर 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त और शाम 06 बजकर 18 मिनट से 04 बजकर 21 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस शुभ योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने विशेष फलदायी होता है.


शरद पूर्णिमा पूजा विधि
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के पश्चात घर के मंदिर की अच्छी तरह से सफाई कर लें. इसके बाद पूजा वाले स्थान पर एक चौकी स्थापित करें. इसके बाद इस पर पीला वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी और विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें. अब आप इस स्थान पर गंगाजल छिड़कें और कलश में जल रखकर कलश स्थापित करें. प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी और विष्णु जी की प्रतिमा पर कमल और गुलाब का फुल चढ़ाएं और उन्हें सफेद रंग के मिष्ठान्न का भोग लगाएं. इसके बाद मां कनकधारा स्त्रोत और क्षी विष्णुसहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और हमें सदैव सुखी रहने का आशीर्वाद देती है.


शरद पूर्णिमा महत्व
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी शरद पूर्णिमा के दिन प्रकट हुई थी. इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से सुख-समृद्धि और धन वैभव की प्राप्ति होती है.


ये भी पढ़ेंः Surya Grahan: दिवाली बाद लगेगा सूर्य ग्रहण, इस दिन नहीं होगी गोवर्धन पूजा, जानिए सूतक काल का समय


(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)