IPS Promotion: विवादित IPS को मिला प्रमोशन, राज्य सरकार ने आरोपों को नजरअंदाज कर ऑफिसर को दी DGP रैंक
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IPS Promotion: विवादित IPS को मिला प्रमोशन, राज्य सरकार ने आरोपों को नजरअंदाज कर ऑफिसर को दी DGP रैंक

IPS Ajith Kumar: केरल सरकार ने विवादित आईपीएस अधिकारी अजित कुमार को प्रमोशन दे दिया. राज्य सरकार ने विवादों को नजरअंदाज कर IPS ऑफिसर को डीजीपी बना दिया. यह खबर इस समय देशभर में सुर्खियों में है. यहां पढ़िए पूरी खबर...

IPS Promotion: विवादित IPS को मिला प्रमोशन, राज्य सरकार ने आरोपों को नजरअंदाज कर ऑफिसर को दी DGP रैंक

IPS Ajith Kumar Promotion On DGP: केरल सरकार ने बुधवार, 18 दिसंबर 2024 को एक अहम और बड़ा फैसला लिया, जिसकी देश भर में चर्चा हो रही है. दरअसल, राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) के सीनियर अधिकारी एम. आर. अजित कुमार को प्रमोशन देकर उन्हें डीजीपी रैंक पर नियुक्त किया. हालांकि, उनकी यह पदोन्नति विवादों के बीच आई है, क्योंकि हाल ही में उनका नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं के साथ बैठकें करने के चलते चर्चा में था. इसके बावजूद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उन्हें यह प्रमोशन देने का फैसला लिया गया,जिस पर सवाल उठ रहे हैं. जानिए आखिर क्या है पूरा मामला... 

प्रमोशन का फैसला
केरल सरकार द्वारा अजित कुमार को डीजीपी के पद पर प्रमोट करने का फैसला सीएम पिनराई विजयन की अध्यक्षता में बुधवार को लिया गया. यह फैसला राज्य मंत्रिमंडल की समीक्षा समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर लिया गया. कुमार के साथ-साथ 1995 बैच के एक और आईपीएस अधिकारी एस सुरेश को भी डीजीपी पद पर प्रमोट किया जाएगा.

विवादों के बीच प्रमोशन
अजित कुमार की यह पदोन्नति तब हुई है, जब उनके खिलाफ कई विवाद उठ चुके थे. पिछले कुछ महीनों में वह आरएसएस नेताओं के साथ कथित तौर पर विवादित बैठकों में शामिल होने के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे थे. इसके अलावा त्रिशूर पूरम के दौरान उन्होंने कथित तौर पर भाजपा को समर्थन देने के लिए व्यवधान उत्पन्न किया, जिससे विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर भी असंतोष पैदा हुआ था.

विपक्ष के आरोप
कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने आरोप लगाया था कि अजित कुमार की गतिविधियां भाजपा के पक्ष में थीं और उन्होंने मध्य केरल की लोकसभा सीट जीतने के लिए भाजपा को मदद देने के उद्देश्य से त्रिशूर पूरम के आयोजन में हस्तक्षेप किया था. इन आरोपों के बाद सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा से अलग हुए निर्दलीय विधायक पी. वी. अनवर ने भी कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

अजित कुमार का खंडन
हालांकि, IPS ऑफिसर अजित कुमार ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा था कि उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था और उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पालन पूरी ईमानदारी से किया. कुमार ने स्पष्ट किया था कि वह किसी भी तरह की विवादास्पद गतिविधियों में शामिल नहीं थे और उनकी कार्रवाई केवल प्रशासनिक दायित्वों को निभाने के लिए थी.

मुख्यमंत्री का समर्थन
IPS ऑफिसर अजित कुमार के प्रमोशन को लेकर सीएम पिनराई विजयन ने उनका समर्थन किया और कहा कि उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान उत्कृष्टता और ईमानदारी का प्रदर्शन किया है. सरकार का मानना ​​है कि वह डीजीपी के पद पर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह पूरी तरह से करेंगे और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएंगे.

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