श्योपुर: मध्यप्रदेश के श्योपुर में जिला शिक्षा अधिकारी ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने वाले 4 शिक्षकों की सेवा समाप्त करते हुए बर्खास्त कर दिया. अब आरोपी शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.


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दरअसल मध्य प्रदेश में संविदा शिक्षक वर्ग-3 में फर्जी दिव्यांक मेडिकल सर्फिफिकेट बनवाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में श्योपुर के जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह तोमर ने जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने वाले 4 संविदा शिक्षकों की सेवा समाप्त करते हुए उन्हे बर्खास्त कर दिया है. डीईओ द्वारा बर्खास्त किए गए चारों आरोपी शिक्षक मुरैना जिले के रहने वाले बताएं गए है.


मुरैना जिला अस्पताल का फर्जी सर्टिफिकेट लगाया
बता दें कि चारों आरोपी शिक्षकों ने मुरैना जिला अस्पताल का फर्जी दिव्यांक मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करवा कर शिक्षा विभाग में नौकरी पाई थी. इस फर्जीवाड़े में व्यापम वर्ग-3 शिक्षक भर्ती परीक्षा में मुरैना जिले के सबसे ज्यादा दिव्यांग शिक्षक भर्ती हुए थे. दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर अकेले मुरैना से मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में 70 फीसदी दिव्यांग शिक्षक भर्ती हुए. यह आंकड़े बेहद चौंकाने वाले थे, जिसकी शिकायत होने के बाद जब शिक्षा विभाग और प्रशासन ने जांच कराई तो इस बड़े फर्जी बाड़े का खुलासा सामने आया है.


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फिलहाल श्योपुर के जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह तोमर द्वारा चारों आरोपियों को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही शिक्षकों के खिलाफ FIR किए जाने की तैयारी की जा रही है. ये भी जानकारी सामने आई है कि श्योपुर शिक्षा विभाग में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाले चार में से तीन ने ज्वाइन कर लिया था और एक ने ज्वाइन नहीं किया था.