Smallest and Longest River of Madhya Pradesh: भारत का दिल कहे जानें वाले मध्य प्रदेश का भौगिलिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है. प्रदेश का आकार बैठे हुए ऊंट के समान है. राज्य की सीमा पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात के साथ मिलती है. क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से राजस्थान के बाद द्दितीय स्थान पर है. मध्य प्रदेश में उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु होने के कारण यहां की नदियों और नालों की एक बड़ी संख्या है. इसलिए मध्य प्रदेश को नदियों का मायका भी कहा जाता है.  ऐसे में आइए जानते हैं मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे छोटी नदी के बारे में....


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मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी
मध्य प्रदेश की पहली सबसे लंबी नदी नर्मदा नदी है. जिसकी कुल लंबाई 1312 किमी है. नर्मदा 1077 किमी तक मध्य प्रदेश में ही बहती हैं. ये अनूपपुर जिले में स्थित मैकाल पर्वतमानाल के अमरकंटक पहाड़ी से निकलती है और पश्चिम की तरफ होते हुए गुजरात में जाकर खंबात की खाड़ी में गिरती है. यह मध्य प्रदेश के 15 जिलों से होकर बहती है. नर्मदा देश मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी के साथ देश की पांचवी सबसे बड़ी नदी है. 


मध्य प्रदेश की सबसे छोटी नदी
मध्य प्रदेश की सबसे छोटी नदी माही नदी है. इसका उद्गगम स्थल मध्य प्रदेश के धार जिला के पास मिंडा ग्राम की विध्यांचल पर्वत से हुआ है. यह दनि दक्षिण मध्य प्रदेश के धार, झाबुआ और रतलाम जिले से होकर गुजरात राजस्थान राज्य से होती हुई खंभात की खाड़ी द्वारा अरब सागर में गिरती हैं. माही नदी पश्चिम भारत की प्रमुख नदियों में से एक है. यह एक मात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है. इस नदी की कुल लंबाई 576 किमी है. जिसमें से 18 किमी मध्य प्रदेश में बहती है.


आपको बता दें कि मध्य प्रदेश पांच प्रमुख नदी घाटियों में आता है. राज्य का उत्तरी भाग गंगा बेसिन के भीतर पड़ता है. जहां बेतवा चंबल और सोन नदी बहती है. गंगा बेसिन के दक्षिण में नर्मदा बेसिन है, जो सतह क्षेत्र द्वारा दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है. अन्य तीन बेसिन मध्य प्रदेश के छोटे हिस्से को कवर करते हैं, जिसमें पश्चिम में माही बेसिन, तापी बेसिनऔर दक्षिण में गोदावरी बेसिन आते हैं.


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