Kuno Cheetah Deaths: कॉलर आईडी बना मौत का फंदा! चीतों की मौत पर सामने आई ये बड़ी सच्चाई
Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद स्टीयरिंग कमेटी का फैसला आया है. जिसमें पता चला है कि, कॉलर आईडी की वजह से चीतों की मौत हुई.
प्रेरणा मिश्रा/भोपाल: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही है.चीतों की मौत के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था जिसमें विशेषज्ञों की जांच से पता चला है कि, चीतों की मौत कॉलर आईडी के इंफेक्शन की वजह से हो रही है. मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि, टाइगर वाली कॉलर ईडी लगाना बड़ी लापरवाही है. टाइगर की चमड़ी मजबूत होती है लेकिव चीता की स्क्रिन सॉफ्ट होती है.
कॉलर आईडी के कारण चीतों की गर्दन पर घाव
जांच में सामने आया कि, कॉलर आईडी के कारण चीतों की गर्दन पर घाव हुए. वहीं कॉलर आईडी के अलावा दूसरा विकल्प जांच कमेटी खोजेगी. बता दें कि चीतों की मौत के बाद बीमार पड़े तीन चीतों क्वारेंटाइन किया गया है.
मुख्य वन संरक्षक जसबीर सिंह चौहान को हटाया गया
कूनो नेशनल पार्क में चीतों की लगातार मौत के बाद मुख्य वन संरक्षक जसबीर सिंह चौहान को हटा दिया गया है. जसबीर सिंह की जगह असीम श्रीवास्तव को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) बनाया गया है. बता दें कि जसबीर सिंह चौहान को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) भोपाल मुख्यालय भेजा गया. वहीं चीता प्रोजेक्ट को लेकर असीम श्रीवास्तव को बड़ी जिम्मेदारी मिली है.
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अब 8 चीतों की हो चुकी है मौत
बीते दिन कूनो नेशनल पार्क में दो चीतों की मौत हुई थी. अब तक कूनो में 8 चीतों की मौत हो चुकी है. दरअसल, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क (kuno national park) में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीते एक-एक करके दम तोड़ रहे हैं. बीते दिन साउथ अफ्रीका से लाग गए चीते सूरज की मौत हुई थी. पिछले हफ्ते भी कूनो नेशनल पार्क में एक अफ्रीकी चीते की मौत हुई थी. इस चीते का नाम तेजस था. इसे इसी साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से श्योपुर लाया गया था.