Madhya Pradesh News In Hindi: खंडवा के एक छोटे से गांव के आदिवासी किसान के बेटे ने अपनी मेहनत और लगन से बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मध्य प्रदेश शासन ने उसे 35 लाख रुपए की छात्रवृत्ति दी है, ताकि वह लंदन जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके. युवक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की और पांचवीं कक्षा से जवाहर नवोदय विद्यालय खंडवा में प्रवेश लिया. जवाहर नवोदय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद युवक ने  सेंट्रल यूनिवर्सिटी कर्नाटक से भूगर्भ शास्त्र  में स्नातक किया.


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लंदन में पढ़ाई करेगा गरीब का ये बेटा
दरअसल, खंडवा के एक आदिवासी किसान का बेटा अब उच्च शिक्षा के लिए विदेश (लंदन) जा रहा है. खालवा तहसील के गारबेड़ी गांव के रहने वाले आसाराम पालवी को उच्च शिक्षा के लिए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से 35 लाख रुपये की छात्रवृत्ति मिली है, इससे अब वह अपना सपना पूरा कर सकेंगे.आसाराम भूगर्भ शास्त्र में एमएससी करने लंदन जा रहे हैं.


बचपन से ही शिक्षा के प्रति लगाव
बता दें कि आशाराम को बचपन से ही पढ़ाई का बहुत शौक था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की और पांचवीं कक्षा से जवाहर नवोदय विद्यालय खंडवा में दाखिला ले लिया. जवाहर नवोदय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय कर्नाटक से भूविज्ञान में स्नातक किया. आशाराम पालवी का परिवार बेहद गरीब है और उनके बूढ़े माता-पिता झोपड़ी में रहते हैं. उनके पास करीब एक हेक्टेयर जमीन ही है जिस पर माता-पिता ने मेहनत-मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ाया. लेकिन जब विदेश में पढ़ाई की बात आई तो माता-पिता ने यह कहकर मना कर दिया कि उनके पास पैसे नहीं हैं.


35 लाख रुपए की स्कॉलरशिप
माता-पिता के मना करने के बाद आदिवासी क्षेत्र में काम करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता के माध्यम से यह मामला मंत्री विजय शाह तक पहुंचा और आशाराम ने उन्हें अपनी समस्या बताई. मंत्री विजय शाह के प्रयासों से आशाराम को अब लंदन में उच्च शिक्षा के लिए मप्र सरकार की ओर से 35 लाख रुपए की छात्रवृत्ति मिल गई है. इससे वह लंदन के लाइस्टर विश्वविद्यालय से भूगर्भ शास्त्र में एमएससी करेंगे.


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जनजातीय कार्य विभाग से मिली छात्रवृत्ति
आशाराम पालवी को यह छात्रवृत्ति जनजातीय कार्य विभाग से मिल रही है. उन्होंने इसके लिए भोपाल में आवेदन किया था. आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति विभाग खंडवा की सहायक आयुक्त आशा चौहान ने बताया कि जनजातीय कार्य विभाग की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना है. इस योजना में वर्ष 2003 से अब तक प्रदेश के करीब 70 बच्चों का चयन हो चुका है. फिलहाल आशाराम पालवी का चयन लंदन के लिए हो चुका है और वे इस योजना के जरिए आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश जा रहे हैं.


रिपोर्ट- प्रमोद सिन्हा