Madhya Pradesh NEWS: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से रविवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. यहां बेतवा नदी में हजारों आधार कार्ड मिले, जबकि कुछ किनारे पर ढेर लगे मिले. जिन आधार कार्डों को लोगों तक पहुंचाया जाना था वह आधार कार्ड नदी के किनारे मिले. पहली नजर में ये डाक विभाग की लापरवाही मानी जा रही है. सरकारी सिस्टम में व्यक्ति की पहचान बताने वाला आधार अपना मुकाम ढूंढ रहा है. 


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दरअसल, आधार कार्ड को आम आदमी की पहचान माना जाता है. किसी भी डॉक्यूमेंट बनवाने के लिए आज के समय में आधार कार्ड जरूरी हो गया है. व्यक्ति की पहचान आधार के बिना अधूरी है. जीवन का आधार ही आधार कार्ड है, लेकिन यह आधार कार्ड जब नदी में तैरते मिले तो सिस्टम पर सवाल जरूर उठता है. ये आधार कार्ड लोगों को वितरित करने के लिए नियम अनुसार तो आधार कार्ड केंद्र से बनकर डाकघर में आए होंगे..?, 


पहले भी आ चुके ऐसे मामले
माना जा रहा है कि डाकघर की लापरवाही के कारण लोगों को वितरित ना कर आधार कार्ड को बेतवा नदी में फेंक दिया गया होगा. इसके बाद बेतवा नदी पर श्रम समिति के सदस्यों की नजर पड़ी. सदस्यों ने कार्डों को एकत्रित कर मीडिया और सरकारी अधिकारियों को इसकी सूचना दी. गौरतलब है विदिशा जिले में इस तरह आधार कार्ड मिलने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं. डाक के माध्यम से घर तक पहुंचने वाले आधार कार्ड लोगों के घर तक पहुंचाने की बजाय नदी में फेंक दिए जाते हैं.


जांच के बाद होगी कार्रवाई
समाजसेवी विनय जैन बताया कि श्रमदान के दौरान उद्यान के पास हजारों की संख्या में आधार कार्ड मिले. इसके साथ ही कुछ सरकारी नोटिस भी मिले. यह सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही है. आधार कार्ड जैसी आवश्यक चीज को नदी में फेंका जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. वहीं जांच अधिकारी केएस जैन ने बताया कि सूचना मिलने पर मौके पर जांच की गई है. सभी आधार कार्ड को कब्जे में ले लिया है. आगे जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.


रिपोर्ट: दीपेश शाह, विदिशा